झारखंड : पांच साल हुए, सौ में एक भी आदर्श गांव नहीं बना
राज्य सरकार ने विधायकों की अनुशंसा पर लिये थे 81 गांव, 19 शहीदों के गांव भी रांची : पांच साल बीत जाने के बाद भी 100 ग्रामों में से एक भी आदर्श ग्राम नहीं बना. योजना के तहत इन गांवों में जो काम कराने थे, वे पूरे नहीं हुए. 81 गांवों का चयन राज्य के […]
राज्य सरकार ने विधायकों की अनुशंसा पर लिये थे 81 गांव, 19 शहीदों के गांव भी
रांची : पांच साल बीत जाने के बाद भी 100 ग्रामों में से एक भी आदर्श ग्राम नहीं बना. योजना के तहत इन गांवों में जो काम कराने थे, वे पूरे नहीं हुए. 81 गांवों का चयन राज्य के विधायकों की अनुशंसा पर किया गया था. वहीं राज्य के 19 शहीदों के गांवों का चयन भी किया गया था. इस तरह कुल 100 गांवों को आदर्श गांव बनाना था. इसकी शुरुआत 2011-12 में की गयी थी.
आदर्श ग्राम योजना के साथ ही राज्य में सांसद आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना व मुख्यमंत्री स्मार्ट ग्राम योजना चल रही है. सारी योजनाअों की स्थिति देखने के बाद मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने इस दिशा में पहल की है. उन्होंने यह निर्देश दिया है कि राज्य में आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित पंचायतों व गांवों में केंद्र सरकार की यूनिवर्सल नेचर की योजनाअों को प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जाये. उन्होंने संबंधित सारे अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव व सचिवों को पत्र लिखा है. इसमें कहा है कि वे इसकी प्रगति की समीक्षा हर विभागीय समीक्षा बैठक में करें.
यूनिवर्सल नेचर की योजनाअों के लिए संबंधित विभाग आवश्यक बजट उपबंध भी करें. मुख्य सचिव ने लिखा है कि ऐसे चयनित गांवों में संपर्क पथ, बिजली, पानी, आवास, स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा, आंगनबाड़ी, शौचालय, सिंचाई सुविधा आदि सुनिश्चित करायें. इन गांवों में उपलब्ध सुविधाअों को आदर्श रूप में व्यवस्थित करें. मुख्य सचिव ने सभी विभागों से कहा है कि योजनाअों को इन गांवो में प्राथमिकता के आधार पर लागू करें. मासिक समीक्षा बैठक के एजेंडा में आदर्श ग्राम योजनाअों को शामिल करें, साथ ही इसकी नियमित समीक्षा हो.
राज्य में चल रही है चार तरह की योजनाएं
सांसद आदर्श ग्राम योजना
यह भारत सरकार की योजना है. सांसदों द्वारा हर साल एक-एक ग्राम पंचायत को आदर्श बनाना है.
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की केंद्र प्रायोजित पायलट परियोजना है. इसके तहत झारखंड के छह जिले चतरा, पलामू, देवघर, हजारीबाग, गिरिडीह व बोकारो के 100 अनुसूचित जाति बहुल गांवों का चयन किया गया है.
आदर्श ग्राम योजना
इसमें झारखंड के 100 गांवों का चयन किया गया है. इसके तहत गांवों में आधारभूत संरचना के निर्माण, पेयजल आपूर्ति, एंबुलेंस उपलब्धता आदि सुनिश्चित करना है.
मुख्यमंत्री स्मार्ट योजना
यह योजना 2015-16 में शुरू की गयी है. इसके तहत ग्राम पंचायतों में सूचना तकनीक, अक्षय ऊर्जा, कृषि के उन्नत तकनीक व इ-गवर्नेंस के काम किये जाने हैं.