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चारा घोटाला : मजबूत गिरोह ने कोर्ट में यूएन विश्वास की रिपोर्ट तक बदल दी

!!यूएन विश्वास!! रांची: चारा घोटाला पर फैसला आने में दो दशक से ज्यादा समय लगा़ जांच से लेकर कानूनी प्रक्रिया काफी लंबी चली. कारण था कि चारा घोटाला में एक बड़ा गिरोह काम कर रहा था़ इस गिरोह का सत्ता शीर्ष से लेकर जांच एजेंसियों तक में पैठ थी़ चारा घोटाले की जांच का जिम्मा […]

!!यूएन विश्वास!!

रांची: चारा घोटाला पर फैसला आने में दो दशक से ज्यादा समय लगा़ जांच से लेकर कानूनी प्रक्रिया काफी लंबी चली. कारण था कि चारा घोटाला में एक बड़ा गिरोह काम कर रहा था़ इस गिरोह का सत्ता शीर्ष से लेकर जांच एजेंसियों तक में पैठ थी़ चारा घोटाले की जांच का जिम्मा जब सीबीआइ को मिला, तो उसकी दिशा बदलने की पूरी कोशिश हुई़ यहां तक कि जांच को लेकर सीबीआइ के तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक यूएन विश्वास तक की रिपोर्ट कोर्ट में बदल दी गयी थी़ श्री विश्वास ने कोर्ट में जो कुछ लिख कर दिया था, वह नहीं पहुंच कर कोर्ट के पास दूसरा दस्तावेज पहुंच गया.

फैसले में हुई देरी के बाबत चारा घोटाले में लंबी लड़ाई लड़ने वाले सरयू राय कहते हैं कि हर कदम पर अड़ंगा लगाया गया़ सीबीआइ अधिकारी यूएन विश्वास को कड़ा संघर्ष करना पड़ा़ यदि श्री विश्वास नहीं होते, तो मामले को रफा-दफा कर दिया गया होता़ श्री राय कहते हैं कि वह चारा घोटाले में भ्रष्टाचार को इसलिए नहीं उजागर कर रहे थे कि लालू प्रसाद जेल चले जायें, बल्कि उनकी लड़ाई भ्रष्ट व्यवस्था से थी़ लालू प्रसाद तब नेतृत्व कर रहे थे, सो उनकी कई बार अनियमितता और भ्रष्टाचार की जानकारी दी गयी़ लेकिन पूरी व्यवस्था फेल थी़ श्री राय कहते हैं कि जब भी इस मामले में जांच शुरू हुई, तो हर स्तर पर विलंब करने का प्रयास किया गया़ मामला जब उजागर हुआ, तो सुनियोजित तरीके से इसे विलंब करने का प्रयास हुआ.

एक खेमा मदद कर रहा था

सरयू राय कहते हैं कि जांच एजेंसी सीबीआइ तक चारा घोटाला के गिरोह की पहुंच थी़ सीबीआइ के भीतर एक ऐसा खेमा था, जो घोटालेबाजों की मदद कर रहा था़ लेकिन यूएन विश्वास पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रहे थे़ कदम-कदम उन्हें जूझना पड़ा़ सीबीआइ जांच के लिए कोर्ट ने जब आदेश किया, तो उसे रोकने का प्रयास किया गया़ सुप्रीम कोर्ट में लालू प्रसाद के वकील सोली सोराबजी थे़ उन्होंने कोर्ट में कहा कि सीबीआइ का दुरुपयोग हो सकता है़ इसके बाद सप्रीम कोर्ट ने कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की बात कही़ श्री राय कहते हैं कि गिरोह इतना मजबूत था कि एक मामले में रांची सीबीआइ को कोर्ट में एक फैसले के खिलाफ अपील तक नहीं करने दिया गया.

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