ललपनिया : लुगु पहाड़ी घाटी में किसी ने छोड़ दिया है जर्मन शेफर्ड, राहगीरों को कर रहा है परेशान

ललपनिया-गोमिया मुख्य मार्ग स्थित लुगु पहाड़ी घाटी में मंगलवार की सुबह कई राहगीरों को एक काले-भूरे रंग के कुत्ते ने खूब परेशान किया. तुलबुल की ओर से चढ़ान किनारे इधर-उधर घुम रहे कुत्ते की नजर जैसे हीं किसी बाईक सवार राहगीरों पर पड़ती है, वह झपटा मारने के लिए दौड़ पड़ता. इन्हीं राहगीरों में से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2018 5:28 PM

ललपनिया-गोमिया मुख्य मार्ग स्थित लुगु पहाड़ी घाटी में मंगलवार की सुबह कई राहगीरों को एक काले-भूरे रंग के कुत्ते ने खूब परेशान किया. तुलबुल की ओर से चढ़ान किनारे इधर-उधर घुम रहे कुत्ते की नजर जैसे हीं किसी बाईक सवार राहगीरों पर पड़ती है, वह झपटा मारने के लिए दौड़ पड़ता. इन्हीं राहगीरों में से एक तुलबुल निवासी रजनीश प्रजापति ऩे बताया कि कुत्ता बेहद अच्छा नस्ल का प्रतीत हो रहा था. जर्मन शेफर्ड जैसे आकार का था और गले में पट्टा लगा हुआ था. रजनीश ने बताया कि उसके आगे बाईक में चल रहे एक दंपति कुत्ते के जोरदार हमले में बाल-बाल बचे.चर्चा थी कि किसे ने अपना पालतू कुत्ते को घाटी में छोड़ दिया है.

जर्मन शेफर्ड
जर्मन शेफर्ड कुत्तों का एक नस्ल है. इसका इस्तेमाल भेड़ – बकरियों को इकट्ठा करने और उनकी रक्षा करने के काम में लिया जाता था. पुलिस और सेना में भी बड़े पैमाने पर जर्मन शेफर्ड का इस्तेमाल किया जाता है. जर्मन शेफर्ड अपने चतुराई, समझ और आज्ञा पालन करने के लिए पहचाना जाता है. ऊर्जावान नस्ल का यह कुत्ता काफी सक्रिय रहता है. आमतौर आक्रमक समझा जाने वाला जर्मन शेफर्ड आसानी से दोस्त नहीं बनाता है, लेकिन यह एक बार किसी से दोस्ती कर लेता है तो काफी वफादार होता है.

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