गलियों में लगा है कचरे का अंबार, जलसंकट अब भी बरकरार

रांची : वार्ड नंबर-31 की कुल आबादी 20,949 है. यहां नगर निगम चुनाव के मद्देनजर किये गये परिसीमन की वजह से अब यह वार्ड नंबर-28 हो गया है. साथ ही इस बार यह वार्ड ओबीसी महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है. बातचीत के क्रम में वार्ड के लोगों ने प्रभात खबर की टीम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2018 8:55 AM
रांची : वार्ड नंबर-31 की कुल आबादी 20,949 है. यहां नगर निगम चुनाव के मद्देनजर किये गये परिसीमन की वजह से अब यह वार्ड नंबर-28 हो गया है. साथ ही इस बार यह वार्ड ओबीसी महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है.
बातचीत के क्रम में वार्ड के लोगों ने प्रभात खबर की टीम को बताया कि पिछले निकाय चुनाव के दौरान वार्ड पार्षद ने इसे मॉडल वार्ड बनाने का वादा किया था, लेकिन यह सपना ही रह गया. वार्ड के लोग यहां की सफाई व्यवस्था से संतुष्ट नहीं हैं.
खुले में कचरा फेंका जा रहा है, जिस पर दिन भर आवारा पशु मंडराते रहते हैं. वहीं नालियां कचरे से जाम रहती हैं. कई बार आम दिनों में नाली का पानी सड़क पर बहता रहता है. लोगों का आरोप है कि वार्ड पार्षद आशा देवी बनी हैं, लेकिन पांच वर्षाें से पार्षद के अधिकतर कार्य उनके पति अनिल गुप्ता ही करते आ रहे हैं.
20,949 है वार्ड नंबर-31 की कुल आबादी
अब तक नहीं हुआ जलसंकट का समाधान
वार्ड-31 में पानी की किल्लत का समाधान अब तक नहीं हुआ. हर बार गर्मी के दिनों में नगर निगम यहां पानी का टैंकर भेजना पड़ता है. कई बार तो टैंकर से पानी भरने के दौरान यहां के लोग आपस में भिड़ जाते हैं.
वार्ड के अधिकतर मोहल्ले में पाइप लाइन बिछी है, लेकिन इसमें पानी आता ही नहीं है. इस पर पार्षद आशा देवी कहती हैं कि पानी टंकी नहीं होने के कारण पानी हमारे वार्ड तक आता ही नहीं है. तीन पानी टंकियों के निर्माण के लिए उन्होंने नगर निगम को प्रस्ताव दिया है. उम्मीद है कि आनेवाले दिनों में जलसंकट का समाधान हो जायेगा.
क्या कहते हैं मोहल्ले के लोग
वार्ड में सड़कों का जाल तो बिछा दिया गया है, लेकिन यहां नालियां ढूंढ़ने से भी नहीं मिलेंगी. नाली नहीं होने की परेशानी क्या होती है. यह आप देख सकते हैं.
बजरंगी कुमार, निवासी, वार्ड-31
वार्ड पार्षद ने अपने पांच साल के कार्यकाल में जो भी काम शुरू कराये हैं, उनमें से ज्यादातर आधे-अधूरे ही हैं. इसका खामियाजा हमें बरसात में भुगतना पड़ता है.
विनोद साव, निवासी, वार्ड-31
वार्ड के हर मोहल्ले में पेयजल का गंभीर संकट है. इस दिशा में कोई काम नहीं किया गया है. नगर निगम ने बोरिंग तो कराया है, लेकिन उसमें भी पानी के लिए मारामारी होती है.
गायत्री देवी, निवासी, वार्ड-31
मोहल्ले में क्या विकास हुआ है, यह बरसात के दिनों में आप आकर देख सकते हैं. हल्की सी बारिश होने पर सड़क नाली में बदल जाती है. पानी निकासी का कोई रास्ता ही नहीं है.
अनिल वर्णवाल, निवासी, वार्ड-31
एक अविकसित वार्ड को विकसित करने में ही पांच साल गुजर गये. इसके बावजूद जैसी उम्मीद थी, वैसा विकास नहीं हो पाया है. हम जनता से और एक मौका मांग रहे हैं. अगर जनता ने अगले पांच साल के लिए हमें चुना, तो हम मधुकम क्षेत्र को अशोक नगर जैसा डेवलप कर देंगे.
आशा देवी, पार्षद, वार्ड नंबर-31

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