रांची : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को 950 करोड़ के चारा घोटाला के एक और मामले में 24 जनवरी को सजा सुनायी जा सकती है. लालू प्रसाद के वकील ने बुधवार को यह जानकारी दी. लालू के वकील ने बताया कि चाईबासा कोषागार से पैसे की निकासी के मामले में सुनवाई पूरी हो गयी है. अब कोर्ट ने सजा सुनाने के लिए 24 जनवरी की तिथि तय की है.
लालू प्रसाद को बुधवार को चारा घोटाला के कई और मामलों में पेश किया गया. उन्हें दुमका और डोरंडा कोषागार से फर्जी बिल के आधार पर बड़े पैमाने पर धन की निकासी के मामले में सशरीर कोर्ट में पेश किया गया. डोरंडा कोषागार से फर्जी कागजात के आधार पर करोड़ों रुपये की निकासी के मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो को गुपचुप तरीके से कोर्ट में पेश किया गया. डोरंडा, चाईबासा और दुमका कोषागार से निकासी के मामले में लालू के साथ-साथ आरके राणा और जगदीश शर्मा ने भी कोर्ट में हाजिरी लगायी.
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सुरक्षा बलों के जवानों के घेरे में लालू प्रसाद को राजधानी के होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल से कचहरी के सिविल कोर्ट परिसरमें सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया. लालू की पेशी काफी गोपनीय तरीके से हुई. इससे पहले कोर्ट परिसर की सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गयी थी. 300 से अधिक जवानों को कोर्ट परिसर के आसपास सड़क के दोनों किनारे तैनात किया गया था. जब लालू प्रसाद यादव को कोर्ट लाया गया, तो वह जवानों के सुरक्षा घेरे में थे.
जब भी लालू प्रसाद की कोर्ट में पेशी होती है, भारी संख्या में उनके समर्थक रांची पहुंच जाते हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था संभालने में पुलिस को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इसलिए जेल प्रशासन और पुलिस ने लालू प्रसाद को गुपचुप तरीके से कोर्ट में पेश करने का खाका तैयार किया. किसी को इस बात की भनक तक नहीं लगने दी कि लालू को कोर्ट में सशरीर पेश किया जायेगा.
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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि एक और मामले में राजद सुप्रीमो की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेशी हुई. इसके बाद उन्हें विशेष सुरक्षा के बीच सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि देवघर कोषागार से फर्जी बिल के आधार पर करीब 90 करोड़ रुपये की निकासी के मामले में लालू प्रसाद को कोर्ट साढ़े तीन साल की सजा सुना चुका है.