पॉलिसी टू वर्ड्स प्रमोटिंग इंटरप्रेन्योरशिप

वर्ष 2022 तक 46 फीसदी नौकरियां खत्म हो जायेंगी रांची : अर्नेस्ट एंड यंग के कार्यकारी निदेशक सतीश कौशल का मानना है कि नौकरी के स्वरूप में काफी तेजी से बदलाव हो रहा है. ड्राइवर लेस कार और नौकरी में इंटरनेट की मांग इसके उदाहरण हैं. हर माह फैशन बदल जा रहा है. इसके अनुसार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2018 3:51 AM

वर्ष 2022 तक 46 फीसदी नौकरियां खत्म हो जायेंगी

रांची : अर्नेस्ट एंड यंग के कार्यकारी निदेशक सतीश कौशल का मानना है कि नौकरी के स्वरूप में काफी तेजी से बदलाव हो रहा है. ड्राइवर लेस कार और नौकरी में इंटरनेट की मांग इसके उदाहरण हैं. हर माह फैशन बदल जा रहा है. इसके अनुसार युवक और उद्योग अपने को नहीं बदलेंगे, तो आने वाले समय में पीछे रह जायेंगे. एक अनुमान है कि 2022 तक विश्व में करीब 46 फीसदी नौकरियां खत्म हो जायेंगी.
श्री कौशल शुक्रवार को खेलगांव में स्टेट स्किल पॉलिसी टू वर्ड्स प्रमोटिंग एप्रेंटिस एंड इंटरप्रेन्योरशिप विषय पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे. सीएमसी स्किल की हेड माया सिन्हा ने कहा कि वोकेशनल ट्रेनिंग अभी भी पारंपरिक मोड में चल रहा है. इसमें बदलाव की जरूरत है. झारखंड इस दिशा में कई काम कर रहा है. यहां उद्योग विकास के प्रयास हो रहे हैं.
इसका अच्छा नतीजा निकलेगा. एचइसी के सीएमडी अभिजीत घोष ने कहा कि 1960 से ही एचइसी जैसा संस्थान मेक इंडिया की धारणा पर काम कर रहा है. विदेशी तकनीक से देशी उत्पाद तैयार हो रहे हैं. झारखंड के विकास में एचइसी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. करीब 650 एकड़ जमीन एचइसी ने झारखंड सरकार को दिया है. एचइसी की जमीन पर ही विधानसभा और हाइकोर्ट के साथ-साथ स्मार्ट सिटी का निर्माण हो रहा है. क्यूसेक ऑस्ट्रेलिया के भारत प्रमुख सैम फ्रीमैन ने कहा कि अच्छे प्रशिक्षक ही अच्छे लोग तैयार कर सकते हैं.
प्रशिक्षकों की गुवणत्ता का भी ख्याल रखा जाना चाहिए. आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया के इंदू अग्रवाल ने कहा कि अभी भी जरूरत के हिसाब से युवा तैयार नहीं हो रहे हैं. केजीवीके एग्रोफूड के सीइओ सौरव कुमार ने कहा कि झारखंड में फूड प्रोसेसिंग उद्योग की काफी जरूरत है. इस उद्योग के लायक युवाओं की कमी है. इस दिशा में प्रयास होना चाहिए.

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