डोरंडा और रामगढ़ कैंट GPO में हुआ नोट बदलने का खेल, सीबीआई ने तीन दिन में दर्ज की दो एफआईआर
रांची:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी (8 नवंबर, 2016) का एलान किये जाने के बाद डाकघरों में बड़े पैमाने पर500और 1000रुपये के नोटों को बदलने का खेल चला. इसमें रांचीस्थितडोरंडा प्रधान डाक घर भी पीछे नहीं रहा. इस सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तीन दिन में दो एफआईआर दर्ज की है. एक मामला डोरंडा […]
रांची:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी (8 नवंबर, 2016) का एलान किये जाने के बाद डाकघरों में बड़े पैमाने पर500और 1000रुपये के नोटों को बदलने का खेल चला. इसमें रांचीस्थितडोरंडा प्रधान डाक घर भी पीछे नहीं रहा. इस सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तीन दिन में दो एफआईआर दर्ज की है. एक मामला डोरंडा जीपीओ से जुड़ा है, तो दूसरा रामगढ़ कैंट के प्रधान डाकघर में गड़बड़ी से जुड़ा है.
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रामगढ़ प्रधान डाकघर में गड़बड़ी के मामले में सीबीआई ने डाकघर के तत्कालीन पोस्ट मास्टर संजय कुमार सिंह, असिस्टेंट वासुदेव राम सहित कई लोगों को आरोपी बनाया है. सीबीआई ने आशंका जतायी है कि नोट बदलने के मामले में कुछ अज्ञात डाककर्मी भी शामिल थे, जिनकी मदद से 1000 और 500 रुपये के चलन से बाहर किये जा चुके नोटों की अदला-बदली कर लोगों को फायदा पहुंचाया गया.
सीबीआई की एफआईआर में कहा गया है कि 8 नवंबर, 2016 को डाकघर के कैश चेस्ट में 1000 रुपये के 520 नोट, 500 रुपये के 2121 नोट थे. 100 रुपये के 2889 नोट, 50 रुपये के 138 नोट, 20 रुपये के 201 नोट और 10 रुपये के 8800 नोट थे. इस तरह कैश चेस्ट में कुल 19,68,320 रुपये थे.
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सीबीआई ने कहा है कि 10 नवंबर को डाकघर में कामकाज नहीं हुआ. लेकिन, रामगढ़ कैंट के प्रधान डाकघर से 1000 और 500 रुपये के प्रतिबंधित नोट की बदली की रसीद दी गयी. इन 2 दिनों में 1000 के नोटों की संख्या बढ़कर 28,989 और 500 रुपये के नोटों की तादाद 10,778 हो गये. 100, 50, 20 और 10 रुपये के नोट कैश चेस्ट से खत्म होगये. सीबीआईकी एफआईआर के अनुसार, कैश चेस्ट से 3.65 लाख रुपये की गड़बड़ी भी की गयी.