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रिम्स : दो डॉक्टरों में मारपीट की पड़ताल- लात-मुक्के की बात कर रहे थे डॉक्टर

रांची : रिम्स के कार्डियोलॉजी विंग में डॉ हेमंत नारायण और डॉ प्रकाश कुमार के बीच शुक्रवार को हुई मारपीट की घटना की वजह बताये जा रहे दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉट के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ विशाल रस्तोगी क्यों रिम्स आते हैं, प्रबंधन को इसकी जानकारी नहीं है. रिम्स प्रबंधन उन्हें नहीं बुलाता. रिम्स प्रबंधन का कहना […]

रांची : रिम्स के कार्डियोलॉजी विंग में डॉ हेमंत नारायण और डॉ प्रकाश कुमार के बीच शुक्रवार को हुई मारपीट की घटना की वजह बताये जा रहे दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉट के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ विशाल रस्तोगी क्यों रिम्स आते हैं, प्रबंधन को इसकी जानकारी नहीं है. रिम्स प्रबंधन उन्हें नहीं बुलाता. रिम्स प्रबंधन का कहना है, कोई विभाग अगर बाहर की फैकल्टी को बुलाता है, तो उसकी पूर्व सूचना होती है.

रिम्स के प्रभारी निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव ने बताया, डाॅ हेमंत नारायण राय कभी मौखिक, तो कभी डॉ विशाल रस्तोगी के आने के दिन सूचना देते हैं. हालांकि डॉ हेमंत नारायण का कहना है कि विशाल रस्तोगी मेरे पुराने दोस्त हैं. वह मेरा स्किल बढ़ाने के लिए आते हैं. 15 साल से दोस्ती है. वह पीजीआइ चंडीगढ़, बीएचयू सहित देश के बड़े-बड़े अस्पताल में आग्रह पर जाते हैं. मेरे बुलाने पर वह अपने पैसे से आते हैं. कभी-कभी वह कंपनी के गठजोड़ से आते हैं. पूरा खर्चा कंपनी वहन करती है. डॉ हेमंत नारायण राय ने बताया, ह्दय रोग की नयी तकनीक की जानकारी अपने आप रिम्स नहीं पहुंच सकती है. इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सक को बुलाना ही पड़ता है. इसी क्रम में डॉ रस्तोगी को बुलाया जाता है.

कुछ सीनियर डॉक्टरों ने भी किया विरोध
रिम्स के कुछ सीनियर डॉक्टरों का कहना है कि फैकल्टी की बेहतरी सब डॉक्टरों के लिए होनी चाहिए. कोई एक व्यक्ति खुद को स्किल्ड करने के लिए खास डॉक्टर काे नहीं बुलाता. कोई सेमिनार के लिए बाहर के डॉक्टर आते है. वह विभाग के सभी डॉक्टरों को प्रशिक्षित करते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि विशाल रस्तोगी कैसे आते हैं, कहां रहते हैं, किस लाभ के लिए आते हैं. यह वही बता सकता है, जो उन्हें बुलाता है. यह जांच का विषय है.

मरीज की जुबानी, घटना की कहनी: लात-मुक्के की बात कर रहे थे डॉक्टर
रिम्स के कार्डियाेलॉजी विभाग में भर्ती एक मरीज ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, शुक्रवार को जब डॉक्टरों के बीच मारपीट हो रही थी, तब मैं कैथ लैब में ही था. धरो, पकड़ो, मारो की आवाज सुनायी दे रही थी. डॉक्टर लात और मुक्के की बात कर रहे थे. ऐसा लग रहा था कि वे आपस में लात और मुक्के का इस्तेमाल भी कर रहे थे. मेरा मन घबरा गया था. बाद में डॉक्टर साहब ही कहें कि इनकाे बाहर निकाल दो. अब मेरा इलाज कब होगा, पता नहीं.

जांच टीम गठित, दोनों डॉक्टरों को 24 घंटे में जवाब देने का आदेश
रिम्स प्रबंधन ने कार्डियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ हेमंत नारायण व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रकाश कुमार से स्पष्टीकरण मांगा है. दोनों डॉक्टरों को 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा गया है. मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी गयी है. टीम एक सप्ताह में रिपोर्ट देगी.

आधा दर्जन से अधिक डॉक्टर निदेशक से मिले
रिम्स के आधा दर्जन से अधिक डॉक्टर शनिवार को निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव से मिले. डॉक्टरों को कहना है कि समाज में खराब छवि से डाॅक्टरों का सम्मान घटेगा. फैकल्टी को सुदृढ़ करना है, तो सबके लिए सेमिनार आयोजित किया जाये.

कुछ डॉक्टर आये थे. उन्होंने निदेशक से रिम्स की छवि को सुुधारने का आग्रह किया. उनका कहना था कि कार्डियोलॉजी विभाग में आपसी सौहार्द्र का माहौल तैयार करें. दोनों चिकित्सकों से स्पष्टीकरण पूछा जा चुका है. जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है.
– डॉ आरके श्रीवास्तव, प्रभारी निदेशक

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