सीएस, डीजीपी पर जवाब मिलने तक सदन नहीं चलने देगा विपक्ष

झाविमो और कांग्रेस के बाद झामुमो ने भी कहा आज राज्यपाल से मिल कर आरोपी अधिकारियों को हटाने की मांग करेगा विपक्ष रांची : 17 जनवरी में शुरू हो रहे बजट सत्र में सभी विपक्षी दल मिल कर मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और डीजीपी डीके पांडेय पर लगे आरोपों के मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2018 8:19 AM
झाविमो और कांग्रेस के बाद झामुमो ने भी कहा
आज राज्यपाल से मिल कर आरोपी अधिकारियों को हटाने की मांग करेगा विपक्ष
रांची : 17 जनवरी में शुरू हो रहे बजट सत्र में सभी विपक्षी दल मिल कर मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और डीजीपी डीके पांडेय पर लगे आरोपों के मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे. एक ओर जहां बकोरिया कांड की जांच डीजीपी द्वारा प्रभावित करने का मामला जोरदार तरीके से सदन में रखा जायेगा, वहीं पशुपालन घोटाले में मुख्य सचिव को दिये गये नोटिस पर भी विपक्ष हंगामा करेगा.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने सदन के अंदर पार्टी की स्थिति साफ कर दी है. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण दे रही है. अफसरों पर सरकार का अंकुश नहीं है. विपक्ष सदन में जोरदार तरीके से अफसरों के मामले में जवाब मांगेगा. संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने तक विधानसभा नहीं चलने दी जायेगी.
वहीं, कांग्रेस और झारखंड विकास मोर्चा ने भी अफसरों के मुद्दों पर अपना रुख साफ कर दिया है. दोनों दलों के नेता 16 जनवरी को राज्यपाल से मिलेंगे और वरीय पदाधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच और उनको पद से हटाने की मांग करेंगे. झामुमो भी उनके साथ राजभवन जा सकता है. हालांकि, इस विषय पर झामुमो ने मंगलवार को ही फैसला करने की बात कही है.
एसआइटी बना कर जांच की मांग करेंगे : झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि मुख्य सचिव के पशुपालन घोटाले और डीजीपी के बकोरिया कांड के अलावा राज्यसभा चुनाव में एडीजी अनुराग गुप्ता की भूमिका पर भी सरकार से जवाब मांगा जायेगा. जवाब नहीं मिलने तक विधानसभा नहीं चलेगी. इधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने कहा है कि रघुवर सरकार ने राज्य के संचालन की जिम्मेवारी आरोपी पदाधिकारियों को दे दी है.
दोनों अधिकारियों पर संगीन आरोप हैं, जिनकी न्यायिक जांच होनी चाहिए. सदन में कांग्रेस के विधायक हाइकोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में एसआइटी बना कर जांच की मांग करेंगे. अधिकारियों के मामले में सरकार को जवाब देना ही होगा. सरकार द्वारा संतोषजनक जवाब मिलने तक विधानसभा नहीं चलने दी जायेगी.

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