अल्पसंख्यकों के बुनियादी मुद्दे आज भी हैं हाशिये पर

रांची : मुसलिम बुद्धिजीवियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब से मौजूदा सरकार आयी है, तब से राज्य के अल्पसंख्यकों को दोयम दर्जे का नागरिक बना कर रख दिया गया है़ मुसलिम अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं. लाखों रुपयों की आर्थिक क्षति हुई, पर न कोई जांच हुई, न दोषियों पर कार्रवाई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2018 8:24 AM
रांची : मुसलिम बुद्धिजीवियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब से मौजूदा सरकार आयी है, तब से राज्य के अल्पसंख्यकों को दोयम दर्जे का नागरिक बना कर रख दिया गया है़ मुसलिम अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं.
लाखों रुपयों की आर्थिक क्षति हुई, पर न कोई जांच हुई, न दोषियों पर कार्रवाई और न मुआवजा ही मिला़ केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग की बालूमाथ व हजारीबाग मामलों पर रिपोर्ट व सुझाव लंबित पड़े हैं. अल्पसंख्यक आबादी के अनुसार कोटा, बजट, लक्ष्य तय करने के प्रति असंवेदनशीलता है़ वे सोमवार को अनवर टावर, विश्वकर्मा मंदिर लेन में पत्रकारों से रू-ब-रू थे़
झारखंड आंदोलनकारी प्रो खालिक अहमद ने कहा कि आज भी हमारे सपनों का झारखंड नहीं बना है़ मुस्लिम झारखंड आंदोलनकारी हाशिये पर हैं. झारखंड राज्य वक्फ बोर्ड के सदस्य मौलाना सैयद तहजीबुल हसन रिजवी ने कहा कि राज्य वक्फ बोर्ड को सरकार ने बेजान कर दिया है़
अंजुमन इसलामिया के महासचिव हाजी मोख्तार अहमद ने कहा कि झारखंड सरकार अल्पसंख्यकों के संवैधानिक मुद्दों को हल करे़ झारखंड राज्य हज कमेटी का भी कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही नयी हज कमेटी का प्रस्ताव आना चाहिए था़ मुजफ्फर हसन ने कहा कि सरकार को भाषाओं पर ध्यान देना चाहिए. झारखंड आंदोलनकारी बशीर अहमद ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारअल्पसंख्यक कमेटियों की सही मॉनिटरिंग नहीं करती़
शिक्षाविद मौलाना शरीफ एहसन मजहरी ने कहा कि इंटरमीडिएट स्तर पर उर्दू हाशिये पर है. अंजुमन इस्लामिया, पुंदाग के अध्यक्ष हाजी मो एकबाल ने कहा कि मुस्लिम अल्पसंख्यकों के सवाल पर झारखंड विधानसभा के सदस्यों को ध्यान देना चाहिए. सामाजिक कार्यकर्ता तनवीर अहमद ने कहा कि झारखंड सरकार व झारखंड विधानसभा के सदस्यों से बजट में अल्पसंख्यकों पर ध्यान देने की उम्मीद करते हैं. सामाजिक कार्यकर्ता नदीम खान ने कहा कि जल्द ही अल्पसंख्यकों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलेगा़

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