रांची : सेवानिवृत्त विवि शिक्षकों ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर रांची विवि मुख्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया. सेवानिवृत्त शिक्षक विवि व सरकारी की शिथिलता के कारण नये वेतनमान के आधार पर पेंशन का भुगतान नहीं करने अौर बकाया का भुगतान अब तक नहीं किये जाने का विरोध कर रहे थे. इस धरना का नेतृत्व फेडरेशन अॉफ रिटायर्ड यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन अॉफ झारखंड के अध्यक्ष डॉ बब्बन चौबे कर रहे थे.
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नये वेतनमान के आधार पर पेंशन, बकाया भुगतान की मांग पर मार्च में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे RU के अधिकारी और शिक्षक
रांची : सेवानिवृत्त विवि शिक्षकों ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर रांची विवि मुख्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया. सेवानिवृत्त शिक्षक विवि व सरकारी की शिथिलता के कारण नये वेतनमान के आधार पर पेंशन का भुगतान नहीं करने अौर बकाया का भुगतान अब तक नहीं किये जाने का विरोध कर रहे थे. इस […]
धरना स्थल पर आयोजित सभा में शिक्षकों ने राज्य की शिक्षक विरोधी नीति की आलोचना की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार में इच्छाशक्ति की कमी है. ब्यूरोक्रेसी पूरी तरह से हावी है. सैकड़ों सेवानिवृत्त शिक्षक असाध्य रोग से पीड़ित हैं. आर्थिक अभाव के कारण समुचित इलाज भी नहीं करा पा रहे हैं. प्रत्येक शिक्षक का करीब आठ से 12 लाख रुपये बकाया है.
रांची विवि ने 131 करोड़ रुपये का मांग पत्र विभाग के पास जमा किया, लेकिन विभाग ने मात्र 12 करोड़ रुपये की ही स्वीकृति दी. सेवानिवृत्त शिक्षक एक जनवरी 2006 से छठा वेतनमान के आधार पर पेंशन लागू करने की मांग कई बार कर चुके हैं, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. सेवानिवृत्त शिक्षकों ने कल्याण कोष की स्थापना करने, सीनेट व सिंडिकेट में सेवानिवृत्त शिक्षकों का भी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की मांग की.
धरना स्थल पर शिक्षकों ने मार्च में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का निर्णय लिया. धरना स्थल पर रांची विवि के रजिस्ट्रार, सीसीडीसी व डीएसडब्ल्यू भी पहुंचे. अधिकारियों ने शिक्षकों को जानकारी दी कि कुलपति शहर से बाहर हैं, जबकि प्रतिकुलपति बीमार हैं. इसके बाद सेवानिवृत्त शिक्षकों ने रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपा. मौके पर मुरारी प्रसाद शर्मा, डॉ वीसी शर्मा, डॉ सुशीला मिश्रा, डॉ वीपी शरण, डॉ सीके शुक्ला, डॉ गौरी घोष, डॉ एचएस पांडेय, डॉ राजश्री बनर्जी, डॉ रफत आरा, डॉ मो सज्जाद, डॉ राधा प्रसाद, डॉ केके मिश्रा, डॉ टीएम श्रीवास्तव, प्रो जीएस शर्मा, डॉ एचएन तिवारी, डॉ माधुरी नाथ, डॉ केपी मिश्रा सहित डॉ राजकुमार, डॉ हरिअोम पांडेय आदि उपस्थित थे.
88 साल के डॉ प्रभात की स्मरणशक्ति जवाब दे रही
रांची विवि स्नातकोत्तर रसायनशास्त्र विभाग से जुलाई 1992 में सेवानिवृत्त हुए डॉ प्रभात कुमार बनर्जी की उम्र लगभग 88 साल की हो गयी है. अब तक पांचवें वेतनमान का एरियर भी नहीं मिला है.
बकौल डॉ प्रभात वे किडनी रोग व हृदय रोग से पीड़ित हैं. विवि व सरकार के पास उनका दो लाख रुपये से ज्यादा का बकाया है. कई बार मांगने का प्रयास किया, लेकिन हर बार लौटा दिया गया. डॉ प्रभात कहते हैं कि उम्र अधिक हो जाने के कारण वह पार्किंसन जैसी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. कभी-कभी भूलने जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
अभी उनका इलाज न्यूरोलॉजिस्ट से चल रहा है. प्रतिमाह खर्च अधिक है. पेंशन व बकाया का समुचित भुगतान नहीं होने से इलाज प्रभावित हो रहा है. उनकी पत्नी डॉ आर बनर्जी भी रांची वीमेंस कॉलेज से सेवानिवृत्त हो चुकी हैं.
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