जवाब दाखिल नहीं हुआ, तो गृह सचिव व सीबीआइ एसपी उपस्थित रहेंगे : हाइकोर्ट
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को संताल परगना क्षेत्र में चिटफंड कंपनियों द्वारा निवेशकों के करोड़ों रुपये हड़पने काे लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए चार फरवरी तक राज्य सरकार व सीबीआइ को शपथ पत्र दायर करने […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को संताल परगना क्षेत्र में चिटफंड कंपनियों द्वारा निवेशकों के करोड़ों रुपये हड़पने काे लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए चार फरवरी तक राज्य सरकार व सीबीआइ को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. माैखिक रूप से खंडपीठ ने कहा कि यदि तय समय सीमा के अंदर जवाब दाखिल नहीं किया जाता है, तो गृह सचिव व सीबीआइ के एसपी अगली सुनवाई के दाैरान कोर्ट में सशरीर उपस्थित रहेंगे. मामले की अगली सुनवाई के लिए पांच फरवरी की तिथि निर्धारित की गयी. इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता ऋषि पल्लव ने जवाब दाखिल करने के लिए समय देने का आग्रह किया. वहीं सीबीआइ की अोर से भी समय मांगा गया. इस पर खंडपीठ ने निर्देश देते हुए समय प्रदान कर दिया.
उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई के दाैरान राज्य सरकार की अोर से बताया गया था कि अदालत के आदेश के आलोक में सीबीआइ को चरणबद्ध तरीके से मानव संसाधन व लॉजस्टिक सपोर्ट दिया जा रहा है. सरकार ने दो डीएसपी, दो इंस्पेक्टर, आठ सब इंस्पेक्टर, 17 कांस्टेबल सहित दो भवन, तीन बोलेरो, एक सूमो, तीन मोटरसाइकिल, चार लैपटॉप व फोटो कॉपी मशीन सीबीआइ को उपलब्ध करा दी है. अधिकारियों की कमी के कारण सरकार चरणबद्ध तरीके से मानव संसाधन सीबीआइ को देगी. सीबीआइ ने चिटफंड घोटाले की जांच के लिए राज्य सरकार से 10 डीएसपी, 35 सब इंस्पेक्टर, 35 कांस्टेबल सहित अन्य संसाधनों की मांग की है. प्रार्थी अब्दुल खबीर ने जनहित याचिका दायर कर चिटफंड घोटाला मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है.