बिहार में अभी भी दिया जा रहा है जबकि जेपीएससी ने बिना किसी सरकारी आदेश के इसे खत्म कर दिया है. इसे अविलंब लागू किया जाना चाहिए.छात्र नेता ने मनोज यादव ने कहा, जेपीएससी से ज्यादा घोटाला जेएसएससी में है. ये लोग अलग-अलग नियम लागू कर रहे हैं. झारखंड के बच्चों को बाहर करने के लिए यह सारे काम हो रहे हैं. दोनों मिलकर सीट बेचने का खेल कर रहे हैं. बाहरी लोगों को नौकरी दी जा रही है. झारखंड सरकार यहां के लोगों को प्राइवेट नौकरी दे रही है जिसका वेतन 5 हजार से 6 हजार है.
छात्रों ने कहा हम मजबूर हैं कि हमें इस तरह सड़क जाम करना पड़ रहा है लेकिन हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है. हम क्या करें. जेपीएससी बार-बार यह कह कर गुमराह कर रही है कि छठी सिविल प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में जारी किया गया है. जबकि सच्चाई यह कि उच्च न्यायालय ने लक्ष्मण टोप्पो वाद में प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने या न देने का कोई आदेश ही पारित नहीं किया है, बल्कि कहा है कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देना या न देना यह राज्य सरकार का विषय है.