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ये क्या! झारखंड के 320 लाभुकों का आधार नंबर कर दिया गया सार्वजनिक

!!सुनील चौधरी!! रांची : झारखंड में नेशनल अरबन लाइवलीहुड मिशन (एनयूएलएम) के 320 लाभुकों का आधार डाटा सार्वजनिक कर दिया गया है. नगर विकास विभाग की वेबसाइट पर बुंडू नगर पंचायत के एनयूएलएम लाभुकों की सूची दी गयी है. इस सूची में लाभुकों के नाम, पते और जाति के साथ-साथ उनका आधार नंबर भी दे […]

!!सुनील चौधरी!!
रांची : झारखंड में नेशनल अरबन लाइवलीहुड मिशन (एनयूएलएम) के 320 लाभुकों का आधार डाटा सार्वजनिक कर दिया गया है. नगर विकास विभाग की वेबसाइट पर बुंडू नगर पंचायत के एनयूएलएम लाभुकों की सूची दी गयी है. इस सूची में लाभुकों के नाम, पते और जाति के साथ-साथ उनका आधार नंबर भी दे दिया गया है. नियमानुसार, किसी का आधार नंबर सार्वजनिक नहीं किया जा सकता. आधार नंबर सार्वजनिक होने से किसी की भी निजी जानकारी सार्वजनिक हो सकती है.

इसे लेकर देश में अक्सर हंगामा होता रहा है. इसके बाद भी विभाग के पदाधिकारियों ने लापरवाही बरती और लाभुकों का आधार नंबर अपनी वेबसाइट पर डाल दिया. नगर विकास विभाग की वेबसाइट यूडीएचडी डॉट झारखंड डॉट गोव डॉट इन पर एनयूएलएम बेनफिशियरी लिस्ट में अलग-अलग स्थानीय निकायों की सूची दी गयी है. सभी निकायों की सूची में कहीं भी आधार नंबर नहीं है. पर बुंडू नगर पंचायत में 320 लाभुकों के नाम दिये गये हैं, जिन्हें डाटा इंट्री अॉपरेटर से लेकर अन्य ट्रेड में प्रशिक्षित किया गया है. इन सबका आधार नंबर भी दे दिया गया है.

जानकारी सार्वजनिक करना अपराध
आधार से जुड़ी कोई भी जानकारी जैसे नाम, जन्मतिथि, पता आदि को सार्वजनिक करना, आधार कानून-2016 के तहत अपराध है. लीक हुई ये जानकारियां ऑनलाइन सर्च करने पर आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं.

झारखंड सरकार की वेबसाइट पर भी लिखा है नहीं जारी कर सकते आधार डाटा
झारखंड सरकार की अधिकृत वेबसाइट झारखंड डॉट गोव डॉट इन पर भी यह संदेश लिखा हुआ है कि यह सुनिश्चित करें कि किसी भी हाल में किसी का आधार नंबर जारी नहीं होना चाहिए. जबकि इसी साइट के लिंक से नगर विकास विभाग की भी साइट खुलती है, जिसमें आधार नंबर सार्वजनिक कर दिया गया है.

झारखंड में पहले भी हुआ था लीक
22 अप्रैल 2017 को राज्य में 14 लाख से अधिक पेंशनर्स का आधार डाटा सार्वजनिक होने का मामला सामने आया था. कई राज्यों में भी लाभुकों का आधार डाटा लीक होने का मामला सामने आया है. महेंद्र सिंह धौनी के आधार का डिटेल लीक किये जाने पर केंद्र ने संबंधित एजेंसी पर कार्रवाई भी की थी.

अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज की प्रतिक्रिया

किसी भी व्यक्ति का अाधार नंबर जारी करना कानूनन अपराध है. यूआइडीएआइ ने पहले भी इसके लिए कड़े निर्देश जारी किये हैं. इसके बावजूद कोई जारी करता है, तो उस पर कार्रवाई होनी ही चाहिए.
– ज्यां द्रेज, अर्थशास्त्री

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