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Jharkhand : बजट सत्र के तीसरे दिन भी विधानसभा में हंगामा, हंगामे के बीच 1738.69 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश

रांची : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन भी विरोधी दलों का हंगामा नहीं रुका. विपक्ष ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और एडीजी को हटाने की मांग पर शुक्रवार को भी हंगामा किया. हंगामे के बीच ही सरकार ने 1738 करोड़ 69 लाख रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया. विपक्ष ने हंगामे के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2018 1:53 PM

रांची : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन भी विरोधी दलों का हंगामा नहीं रुका. विपक्ष ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और एडीजी को हटाने की मांग पर शुक्रवार को भी हंगामा किया. हंगामे के बीच ही सरकार ने 1738 करोड़ 69 लाख रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया. विपक्ष ने हंगामे के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया, तो सरकार ने कहा कि विपक्ष के पास बहस के लिए कोई मुद्दा नहीं बचा, इसलिए वह हंगामा करके सदन का समय बर्बाद कर रहा है.

हंगामा थमता न देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी. इससे पहले भी एक बार सदन की कार्यवाही 12:15 बजे तक स्थगित कर दी गयी थी. इस दौरान विधानसभाध्यक्ष ने अपने कक्ष में एक सर्वदलीय बैठक बुलायी थी. बैठक में भी सरकार और विरोधी दलों के बीच का गतिरोध खत्म नहीं हुआ. सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो विरोधी दल के सदस्य हंगामा करने लगे. हंगामा थमता न देख स्पीकर ने कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी.

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मुख्यमंत्री रघुवर दास ने खुद पत्रकारों से कहा कि विपक्ष के जो भी सवाल हैं, वह विधानसभा में उठाये. सरकार उनके हर सवाल का जवाब देगी. इससे पहले नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं रह गया है. मुद्दाविहीन विपक्ष हंगामा करके सदन का समय बर्बाद करना चाहता है. उन्होंने कहा कि सदन मुद्दों पर बहस का स्थान है. विपक्ष को अधिकार है कि वह मुद्दे उठाये. सरकार को मुद्दों के आधार पर घेरे.सरकार उनके सवालों का जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है.

सीपी सिंह ने कहा कि विपक्ष जिन अधिकारियों के खिलाफ आरोप लगा रहा है, उनके खिलाफ न कोई मुकदमा दर्ज है, न उन पर आरोप सिद्ध हुआ है. ऐसे में उन्हें किस आधार पर पद से हटाया जाये. सिर्फ विपक्ष के कहने पर किसी को उसके पद से नहीं हटाया जा सकता.उन्होंने विरोधी दलों के नेताअोंको सलाह दी कि वे जनहित से जुड़े मुद्दे तलाशें और उसे विधानसभा में उठायें.

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दूसरी तरफ, विपक्ष का कहना है कि भ्रष्ट अधिकारियों के साथ सरकार की सांठगांठ है. इसलिए उनके खिलाफ सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही. सरकार सवालों से भाग रही है. विपक्ष ने कहा कि सरकार को उनके सवालों का जवाब देना ही होगा. जब तक उनके सवालों के जवाब नहीं मिलेंगे, भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों के खिलाफ सरकार कार्रवाई नहीं करेगी, सदन नहीं चलने दिया जायेगा.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि सदन शुरू होते ही हेमंत सोरेन ने मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और पुलिस महानिदेशक डीके पांडेय को पद से हटाने का मामल उठाया. उन्होंने कहा कि जो लोग सदन के सदस्य नहीं हैं, क्या सदन में उसकी चर्चा नहीं होती? उन्होंने कहा कि जिनका नाम शामिल है, उनसे विपक्ष को कोई मतलब नहीं, लेकिन पद की गरिमा बनी रहे.

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सोरेन ने कहा कि विपक्ष चाहता है कि व्यवस्था बेहतर हो और यह तभी हो सकता है, जब ऐसे लोगों पर कार्रवाई हो. उन्होंने कहा कि इस संबंध में अगर कोई नियम है कि विपक्ष को सदन में चुप रहना है, तो उसे सदन में लाया जाये. सोरेन ने कहा कि सरकार सारी शक्ति सदन से लेती है. यहां तक की खर्च, नियम-कानून सभी सदन के माध्यम से होता है. इस बीच, अनंत ओझा ने कहा कि विपक्ष दबंगई कर रहा है. सदन को बाधित करना चाह रहाहै. ऐसे में किसी भी प्रश्न का जवाब नहीं आ रहा है.

स्पीकर दिनेश उरांव ने पहले हंगामा कर रहे सदस्यों को शांत करने की कोशिश की. वे जब नहीं माने, तो स्पीकर ने कहा कि प्रश्नकाल नहीं चलने देने की मंशा दिख रही है. ऐसे में कोई व्यवस्था करनी होगी.इस पर प्रदीप यादव ने कहा कि सभी प्रश्न जनता के हित का है. सदन में हंगामा हो रहा है और चर्चा हो रही है. मुख्यमंत्री, संसदीय कार्यमंत्री दो प्रश्नों का जवाब दें कि निर्वाचन आयोग ने सरकार को जो पत्र लिखा है, उसमें लिखा है कि झारखंड सरकार आरोपी एडीजी पर एफआईआर दर्ज करवाये. सरकार ने अभी तक एडीजी अनुराग गुप्ता पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं करायी है.

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