जानिए झारखंड की अर्थव्यवस्था से जुड़़े दस दिलचस्प तथ्य
रांची : आजझारखंड में बजट पेश होने वाला है.बिहार से अलग हुए झारखंड को 17 साल हो गये. इन 17 सालों में झारखंड ने एक लंबी दूरी तय की है. अस्थिर सरकार के बीच झारखंड ने नयी व्यवस्था को विकसित करने का काम किया. झारखंड की अर्थव्यवस्था मूलत : कृषि और खनन पर आधारित है.राज्य […]
रांची : आजझारखंड में बजट पेश होने वाला है.बिहार से अलग हुए झारखंड को 17 साल हो गये. इन 17 सालों में झारखंड ने एक लंबी दूरी तय की है. अस्थिर सरकार के बीच झारखंड ने नयी व्यवस्था को विकसित करने का काम किया. झारखंड की अर्थव्यवस्था मूलत : कृषि और खनन पर आधारित है.राज्य की ज्यादातर आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है. वहीं नये शहर तेजी से विकसित हो रहे हैं.रघुवर दास ने आज ट्वीट कर कहा कि आने वाला बजट गांवों के विकास पर केंद्रित होगा.झारखंड की अर्थव्यवस्था से जड़े दस दिलचस्प तथ्य
1. पिछले पांच सालों में जब देश का विकास दर 6.8 प्रतिशत रहा तो झारखंड 8.8 प्रतिशत की दर से ग्रोथ रेट हासिल किया.
2. राज्य के सबसे विकसित जिलों में धनबाद, रामगढ़, रांची, सरायकेला – खरसावां और पूर्वी सिंहभूम शामिल है. वहीं पिछड़े जिलों में पाकुड़, गढ़वा, चतरा, दुमका और गोड्डा शामिल है.
3. झारखंड की 24.05 प्रतिशत आबादी शहरों में रहती है.
4. अगर झारखंड मौजदा दर से तरक्की करे तो देश की औसत प्रति व्यकित आय को हासिल करने में 18 साल लग जायेंगे. प्रति व्यक्ति आय के मामले में यह बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और मणिपुर से अच्छी स्थिति में है.
5. देश का 20 प्रतिशत स्टील का उत्पादन झारखंड में होता है.
6. राज्य का 91 प्रतिशत आदिवासी समुदाय गांवों में रहती है. वहीं 79.11 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लोग गांवों में निवास करते है.
7. पर्यटकों के मामले में यह देश में 17 वें स्थान पर आता है. हालांकि इसकी संख्या में पिछले साल की तुलना में 40 प्रतिशत वृद्धि हुई है.
8. सड़क का औसत घनत्व देश में प्रति हजार किमी पर 182 किलोमीटर है. वहीं झारखंड का 119 है. इस लिहाज से यह सड़क घनत्व में औसत से पीछे है. राज्य में 565 किमी रेलवे नेटवर्क पर काम जारी है,
9. रोजगार के मामले में झारखंड की बेहतर नहीं कही जा सकती है. झारखंड की बेरोजगारी दर 7.7 वहीं देश का 5.1 है.
10. झारखंड के छह जिलों में ट्रैफिकिंग गंभीर समस्या बनकर उभरी है. इनमें पलामू, दुमका, पाकुड़, रांची, लातेहार, गुमला, सिमडेगा शामिल है.
(आंकडे झारखंड सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2015-16 के आर्थिक सर्वे से)