Jharkhand Budget 2018 : रघुवर के पिटारे से निकली युवा, गांव और पिछड़ों के लिए योजनाएं, पढ़ें बजट की खास बातें

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विपक्ष के वॉकआऊट के बीच मंगलवार को वर्ष 2018-19केलिए 80,200 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. सरकार ने गांवों-किसानों के लिए खजाना खोल दिया है. बजट में गांव, किसान, गरीब और पिछड़ों के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं पर विशेष जोर दिया गया है. देश के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2018 4:21 PM

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विपक्ष के वॉकआऊट के बीच मंगलवार को वर्ष 2018-19केलिए 80,200 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. सरकार ने गांवों-किसानों के लिए खजाना खोल दिया है. बजट में गांव, किसान, गरीब और पिछड़ों के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं पर विशेष जोर दिया गया है. देश के सबसे पिछड़े जिलों में शामिल झारखंड के 19 जिलों के लिए बजट भाषण में कई विशेष घोषणाएं की गयी हैं. मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि तीन साल की उनकी सरकार पूरी तरह बेदाग है. वह ‘स्कैम झारखंड’ को ‘स्किल्ड झारखंड’ में तब्दील करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि बजट में गांवों, ग्रामीणों, किसानों और कौशल विकास के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया गया है, क्योंकि गांवों के विकास के बगैर ‘न्यू झारखंड’ नहीं बन सकता.

मुख्यमंत्री ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए अपने बजट भाषण की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए 5 बिंदुओं (1) ग्रामीण परिवारों की आय दोगुनी करना, (2) रोजगार, स्वरोजगार के अवसर पैदा करना, (3) अनुसूचित जनजाति/जाति एवं वंचित वर्गों का विकास, (4) महिला सशक्तिकरण और (5) पिछड़े जिलों/प्रखंडों का समेकित विकास पर किया जायेगा. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में फ्लोराईड एवं आर्सेनिक प्रभावित टोलों में शत-प्रतिशत शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा. 6 अति पिछड़े जिलों में प्राथमिकता के आधार पर पेयजलआपूर्ति योजनाओं का क्रियान्वयन किया जायेगा.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल 80,200 करोड़ रुपये के बजट में से 62,744.44 करोड़ रुपये राजस्व व्यय और 17,45.56 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय तय किया गया है. इसमें से 33,697 करोड़ रुपये स्थापना आदि एवं 46,503 करोड़ रुपये स्कीमों के लिए रखे गये हैं.

शिक्षा क्षेत्र में 10,873.74 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो कुल बजट का 3.29 फीसदी है. इसमें उच्च शिक्षा के लिए 1,219.96 करोड़ रुपये उच्च शिक्षा पर खर्च होंगे. तकनीकी एवं कौशल विकास के बजट में सरकार ने 127.40 करोड़ रुपये की वृद्धि की है. पिछली बार इस मद में सरकार ने 704 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया था, जिसे बढ़ाकर इस बार 831.40 कोड़ रुपये कर दिया गया है.

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ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 11,854.10 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है. यह कुल बजट का 14.71 फीसदी है. पिछले साल की तुलना में इस मद में 13.18 फीसदी अधिक का बजट प्रावधान किया गया है. अनुसूचित जनजाति क्षेत्र एवं अनुसूचित जाति के विकास पर योजनाओं के लिए तय राशि का 52.49 प्रतिशत खर्च किया जायेगा.

सरकार ने ‘जेंडर बजट’ 6.64 फीसदी बढ़ाकर 8,194.59 करोड़ रुपये कर दिया है. इस राशि से राज्य की महिलाओं को सशक्त बनाया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर भी जोर दिया. राज्य में कृषि कॉलेज और कृषि यूनिवर्सिटी खोलने के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने और उनके उत्पादों को खराब होने से बचाने के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट और 100 छोटे कोल्ड रूम बनाने की भी बात कही.

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मुख्यमंत्री ने दीनदयाल ग्राम स्वावलम्बन योजना के जरिये विभिन्न चरणों में हर पंचायत में जागरूकता अभियान चलाकर सामाजिक कुरीतियों को खत्म किया जायेगा. प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक किया जायेगा.

गांवों की अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए ग्रामीण इलाकों में छोटे-छोटे पुल-पुलिया एवं सड़कों का निर्माण किया जायेगा. किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में की. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए बायो गैस प्लांट लगाये जायेंगे. खेतों में छोटे-छोटे ट्रांसफॉर्मर लगाये जायेंगे. जहां जरूरत होगी, वहां सौर ऊर्जा की व्यवस्था की जायेगी. इतना ही नहीं, किसानों एवं खेतिहर मजदूरों की असामयिक मृत्यु पर सरकार उनकी सहायता करेगी. मृतक के निकट परिजन को सरकार 4 लाख रुपये की आर्थिकसहायता देगी.

बजट भाषण की खास बातें

-‘न्यू इंडिया न्यू झारखंड’ का उद्देश्य हासिल करेंगे

-बासुकीनाथ, धनबाद एवं रामगढ़ में अरबन हाट का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है

-संथाल परगना प्रमण्डल के साहेबगंज, दुमका, गोड्डा एवं पाकुड़ जिले में 5,000 आदिम जनजाति परिवारों को गरीबी से बाहर निकालने का लक्ष्य रखा गया है

-कुपोषण को कम करने हेतु JTELP के तहत 400 गांवों में 48,000 पोषण गार्डेन का निर्माण कराया जायेगा

-हर खेत को पानी, हर हाथ को काम एवं हाथ से हाट तक व्यवस्था लागू करेंगे

-पिछले बजट में सरकार ने 142 घोषणाएं की थीं, उसमें 121 घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं. शेष 21 योजनाओं को पूरा करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है.

-राज्य के प्रमंडलों और जिलों में हुई बैठकों के अलावा अलग-अलग माध्यमों से सरकार को बजट के लिए 1,151 सुझाव मिले. इसमें से 38 सुझावों को बजट में शामिल किया गया.

-योजनाओं को गतिशील बनाये रखने के लिए छोटी-छोटी योजनाओं को अंब्रेला स्कीम में समाहित किया है. इससे योजना के कार्यान्वयन में तेजी आयेगी.

-गांवों में आय दोगुनी करने के लिए 1500 करोड़ की जोहार परियोजना की शुरुआत की

-2 लाख ग्रामीणों की आय बढ़ाना था इसका उद्देश्य

-उन्न्त कृषि, पशुपालन, मछली पालन आदि के जरिये आय बढ़ाने पर दे रहे जोर

-अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को दे रहे प्राथमिकता

-योजना से 50 फीसदी महिलाएं लाभान्वित होंगी

-सब्जी, फल, फूल को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए 100 कोल्ड स्टोरेज बनेंगे

-फलों और सब्जियों का उत्पादन करने वाले इलाकों में फूड प्रोसेसिंग यूनिट खोले जायेंगे

-पंडित दीनदयाल ग्राम स्वावलंबन योजना के जरिये हर पंचायत में एक मुख्यमंत्री ग्राम पंचायत टोला की शुरुआत

-नशाबंदी, चुलाई बंदी, शराब बंदी श्रमदान, जैविक खेती, आध्यात्मिक जीवन शैली के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे

-ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे पुल-पुलिया का निर्माण किया जायेगा

-हजारों एकड़ में बीज ग्राम तैयार किये गये, जहां बीज प्रंसस्करण यूनिट बनायेंगे

-बायोगैस प्लांट की स्थापना का प्रस्ताव, ताकि किसानों को मुफ्त बिजली मिल सके

-किसानों की असामयिक मृत्यु पर सरकार मदद करेगी

-सांप काटने, कुआं धंसने पर सरकार 4 लाख रुपये की सहायता देगी

-गुमला, रांची, सिमडेगा में फूलों की खेती के लिए नयी योजना चलायेंगे

-छोटी योजनाओं को बनाने और उसे संचालित करने की जिम्मेवारी ग्राम सभाओं की होगी

-मछली का अब नहीं होता आयात, हम निर्यात करने लगे हैं

-डेयरी प्लांट का कई जिलों में निर्माण शुरू हुआ है

-साहेबगंज में कृषि महाविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव

-कुपोषण से पीड़ित बच्चों को मुफ्त में दूध उपलब्ध करायेंगे

-गांव के बच्चों के लिए पंचायत स्तर पर छोटे-छोटे पार्कों का निर्माण कराया जायेगा

-रोजगार एवं स्वरोजगार से युवाओं को जोड़ेंगे

-स्कैम झारखंड को स्किल झारखंड में बदलेंगे

-रोजगार के लिए सिर्फ डिग्री नहीं, कौशल भी जरूरी

-हुनर बढ़ाने के लिए कौशल विकास मिशन के जरिये 3 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, उन्हें रोजगार भी दिलायेंगे

-50 हजार बेरोजगारों को और रोजगार उपलब्ध करायेंगे

-तीन साल में 5 नये विश्वविद्यालय खोले गये

-दूरस्थ जिलों में पीजी की पढ़ाई शुरू करेंगे

-मेगा स्किल सेंटर की स्थापना करेंगे

-रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान का निर्माण होगा

-बड़े जिलों में लाईब्रेरी बनेंगे

-स्टार्टअप कोषांग बनेंगे, ताकि व्यवसाय शुरू करने वालों को सहूलियत हो

-मीठी क्रांति के लिए मधुमक्खी पालन को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित करेंगे

-25 हजार किसानों को प्रशिक्षित कर उन्हें शहद पालन से जोड़ा जायेगा

-हमारी सरकार ने मेडिकल कॉलेज खोले हैं. कई और मेडिकल कॉलेज खोलेंगे

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