झारखंड बजट : रोजगार सृजन के लिए सीएम रघुवर की पोटली में नया क्या है ?
आमतौर पर बजट के मौके पर राज्य के युवाओं की निगाहें रोजगार सृजन के घोषणाओं पर रहती है. झारखंड सरकार विधानसभा में वित्त वर्ष 2018-19 बजट पेश कर चुकी है. मौजूदा बजट में सरकार के मुताबिक रोजगार व स्वरोजगार के अधिक – से – अधिक अवसर पैदा करने पर जोर देने की बात कही गयी […]
आमतौर पर बजट के मौके पर राज्य के युवाओं की निगाहें रोजगार सृजन के घोषणाओं पर रहती है. झारखंड सरकार विधानसभा में वित्त वर्ष 2018-19 बजट पेश कर चुकी है. मौजूदा बजट में सरकार के मुताबिक रोजगार व स्वरोजगार के अधिक – से – अधिक अवसर पैदा करने पर जोर देने की बात कही गयी है. सरकार के घोषणाओं से पहले बेरोजगारी के आंकड़े पर गौर करे तो राज्य की जरूरतों को आसानी से समझा जा सकता है. 2016-17 में जारी सर्वे के मुताबिक झारखंड में बेरोजगारी दर 3.7 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 2.7 प्रतिशत है. लिहाजा रोजगार का मुद्दा राज्य के लिए कितना गंभीर है यह आसानी से समझा जा सकता है. झारखंड में 64 प्रतिशत लोग स्वरोजगार पर निर्भर हैं. वहीं मात्र 10 प्रतिशत लोगों के पास नियमित रोजगार हैं. पचास प्रतिशत खेती पर निर्भर है. अगर बात गरीबी की हो तो राज्य के 39 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे गुजर -बसर करती हैं. ऐसी परिस्थिति में राज्य सरकार के पास इस समस्या से निपटने के क्या उपाय है. 2018-19 में झारखंड सरकार द्वारा रोजगार और स्वरोजगार के लिए घोषित अहम तथ्य