रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बजट भाषण के बाद अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को बताया कि उन्होंने ग्रामीणों की मदद से कैसे सरकार के 400 करोड़ रुपये बचाये. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड का विकास उनकी प्राथमिकता है. झारखंड के लोगों का विकास उनकी प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि सरकार के खजाने का पैसा राज्य के लोगों के भले के लिए खर्च हो, उसका लाभ भी उन्हें ही मिले.
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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने एक कहानी सुनायी. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में गांवों में सरकारी स्कूलों के बच्चे जमीन पर बोरा बिछाकर बैठते थे. सरकार ने सभी स्कूलोंकेलिए बेंच-डेस्क खरीदने का फैसला किया. कंपनियों से बातचीत की गयी. गोदरेज ने एक बेंच-डेस्क के लिए 8,000 रुपये मांगे. कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री जमशेदपुर गये. वहां अपने घर के पास के एक कारपेंटर से बेंच-डेस्क पर आने वाले खर्च का अनुमान पूछा.
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उन्होंने बताया कि कारपेंटर ने उन्हें बताया कि एक बेंच-डेस्क पर 4,200 रुपये तक खर्च आयेगा. इसके बाद मुख्यमंत्री रांची लौटे और सचिवालय के अधिकारियों से कहा कि बेंच-डेस्क के लिए टेंडर नहीं निकाला जायेगा. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बेंच-डेस्क का पैसा विद्यालय समितियों को दे दें. उनसे कहें कि गांव के ही कारपेंटर से स्कूल के लिए बेंच-डेस्क बनवायें और उसे स्कूल को सौंप दें. इस तरह एक छोटी सी पहल से सरकार के खजाने के 400 करोड़ रुपये बच गये.