JPSC की छठी सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा स्थगित, 29 जनवरी से होनेवाली थी परीक्षा

रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने 29 जनवरी 2018 से होनेवाली छठी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया है. राज्य सरकार के आग्रह के बाद आयोग ने देर शाम परीक्षा स्थगित करने की घोषणा कर दी. नयी तिथि की घोषणा बाद में की जायेगी. इस परीक्षा को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2018 9:57 PM

रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने 29 जनवरी 2018 से होनेवाली छठी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया है. राज्य सरकार के आग्रह के बाद आयोग ने देर शाम परीक्षा स्थगित करने की घोषणा कर दी. नयी तिथि की घोषणा बाद में की जायेगी. इस परीक्षा को लेकर 25 जनवरी को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई भी होनी है. इस परीक्षा में 326 पदों के लिए छह हजार 103 उम्मीदवार शामिल होनेवाले थे. परीक्षा के मद्देनजर रांची में 11 परीक्षा केंद्र बनाये गये थे. छठी सिविल सेवा परीक्षा प्रक्रिया वर्ष 2015 से चल रही है.

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मुख्यमंत्री की सदन में घोषणा व बुधवार को कैबिनेट की बैठक में परीक्षा को लेकर विचार करने के बाद कार्मिक, प्रशासनिक सुधार विभाग ने छठी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा स्थगित करने का आग्रह जेपीएससी से किया था. कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने इस संबंध में जेपीएससी के सचिव को पत्र भेजा. इसमें लिखा गया कि 29 जनवरी से आयोजित होनेवाली मुख्य परीक्षा का आयोजन राज्य सरकार के स्तर पर अंतिम निर्णय लिये जाने तक स्थगित करने पर विचार किया जाये.

आयोग द्वारा संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा 2016 (छठी सिविल सेवा) के प्रारंभिक परीक्षाफल प्रकाशन के क्रम में अभ्यर्थियों ने शॉर्टलिस्टिंग के लिए आयोग द्वारा अपनायी गयी प्रक्रिया के संबंध में कुछ आपत्ति की है. इसमें कहा गया है कि आरक्षित श्रेणी के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग-एक, पिछड़ा वर्ग-दो के ऐसे अभ्यर्थी, जिनके द्वारा अवसर व उम्र सीमा का लाभ नहीं लिया गया है, पर उनका परीक्षाफल भी आयोग द्वारा आरक्षित श्रेणी में प्रकाशित किया गया है. यह भी आपत्ति की गयी है कि जेपीएससी के 31 अक्तूबर 2012 के पत्रांक 12165 के प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया गया है तथा कोटिवार रिक्तियों के 15 गुणा उम्मीदवारों का चयन मुख्य परीक्षा के लिए नहीं किया गया है. इस संबंध में आयोग से मंतव्य की अपेक्षा भी की गयी है, जो अप्राप्त है.

यह भी लिखा गया है कि इस संबंध में विधानसभा के सदस्यों द्वारा भी सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया गया है. उन्होंने प्रारंभिक परीक्षा के परीक्षाफल में आरक्षण के उपबंधों के अनुपालन करने का आग्रह किया है. प्रधान सचिव ने लिखा है कि यह मामला झारखंड उच्च न्यायालय में भी विचाराधीन है. ऐसे में उपयुक्त तथ्यों के संज्ञान में आने के बाद से राज्य सरकार गहनता से विचार कर रही है, ताकि इस पर सरकार के स्तर से समुचित निर्णय लिया जा सके, तब तक परीक्षा को स्थगित करने पर आयोग विचार करे.

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