झारखंड की विकास दर सुस्त हुई : सुखदेव
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार की घोषणाओं व लक्ष्य पर रखी रिपोर्ट रांची : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा कि राज्य की विकास दर सुस्त हुई है. 2018 के बजट सर्वे व पूर्व की बजट घोषणाअों को देखने के बाद यह स्पष्ट होता है. ताजा आर्थिक सर्वे […]
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार की घोषणाओं व लक्ष्य पर रखी रिपोर्ट
रांची : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा कि राज्य की विकास दर सुस्त हुई है. 2018 के बजट सर्वे व पूर्व की बजट घोषणाअों को देखने के बाद यह स्पष्ट होता है. ताजा आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष में 6.7 फीसदी का जीडीपी ग्रोथ रेट रहा, जबकि वित्तीय वर्ष 2016-17 की सर्वे रिपोर्ट में यह 8.5 फीसदी था. श्री भगत सोमवार को कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने सरकार की घोषणाअों व लक्ष्य पर रिपोर्ट रखी.
श्री भगत ने कहा कि झारखंड में प्रति व्यक्ति सालाना औसत आय में वृद्धि भी कम हुई है. चालू वित्तीय वर्ष में यह वृद्धि 5.2 फीसदी रही, जबकि पिछले साल सात प्रतिशत रिकॉर्ड किया गया. पहले की तुलना में अर्थव्यवस्था में सुस्ती आयी है. वहीं झारखंडवासियों की औसत आय राष्ट्रीय औसत के मुकाबले 30 प्रतिशत कम बनी हुई है.
सरकार ने कृषि बजट को अलग से फोकस किया था, लेकिन वर्ष 2017 में राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि सेक्टर का योगदान पहले की तुलना में कम हो गया है. उन्होंने कहा कि 2016-17 में 15 फीसदी, जबकि 2017-18 में यह कम होकर 13 फीसदी हो गया. श्री भगत ने कहा कि किसानों को मिलनेवाले कृषि कर्ज में भी गिरावट हो रही है. 2015 में 17.82 फीसदी, 2016 में 17.06 फीसदी व 2017 में 15.76 फीसदी कृषि कर्ज दिया गया. मौके पर प्रदेश कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव, राजीव रंजन व सूर्यकांत शुक्ला भी मौजूद थे.
मकान भी नहीं मिले : श्री भगत ने कहा कि गरीब कल्याण वर्ष में गरीबों को 2017-18 में आवास देने की घोषणा बजट में हुई थी. 1.59 लाख आवास बनाने का लक्ष्य रखा गया था. 1.54 लाख लोगों का निबंधन कराया गया, जबकि मात्र 254 मकान ही बने. इसकी उपलब्धि 0.15 फीसदी रही.
श्री भगत ने बताया कि कौशल विकास के तहत चार लाख युवक-युवतियों को प्रशिक्षित करने की बात कही गयी थी. वित्तीय वर्ष 2017-18 के लक्ष्य 2.75 लाख के विरुद्ध 12652 को ही प्रशिक्षित किया जा सका. रांची में मेट्रो रेल शुरू करने की घोषणा की गयी थी, जबकि दिसंबर 2017 में परियोजना का डीपीआर भारत सरकार को समर्पित किया गया है.