झारखंड : सदन में प्रदीप यादव ने उठाया मुद्दा, कहा स्पीकर को बदले जाने की हो रही है बात

रांची : मंगलवार को सदन में प्रभात खबर लहराया गया़ प्रभात खबर में स्पीकर बदलने जाने की संभावना से संबंधित खबर का हवाला दिया गया़ झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कार्य स्थगन के माध्यम से प्रस्ताव लाया था कि छह विधायकों पर दलबदल के मामले में स्पीकर के न्यायाधिकरण में सुनवाई चल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2018 7:30 AM
रांची : मंगलवार को सदन में प्रभात खबर लहराया गया़ प्रभात खबर में स्पीकर बदलने जाने की संभावना से संबंधित खबर का हवाला दिया गया़ झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कार्य स्थगन के माध्यम से प्रस्ताव लाया था कि छह विधायकों पर दलबदल के मामले में स्पीकर के न्यायाधिकरण में सुनवाई चल रही है़
विधायकों पर कार्रवाई हो सकती है़ ऐसे में स्पीकर को बदलने की बात हो रही है़ इस पर चर्चा को खारिज करते हुए स्पीकर दिनेश उरांव ने कार्यस्थगन अमान्य कर दिया़ कहा कि अध्यक्ष और न्यायाधिकरण दोनों का काम अलग-अलग है़
ऐसे में इनके कार्यों को सदन में उठाना संसदीय कार्य के अनुरूप नहीं है़ कृपा करके ऐसे विषय सदन के अंदर लेकर ना आये़ं जो विषय जहां का है, वहीं उठाये़ं श्री यादव का कहना था कि दबाव है कि आपको बदला जा सकता है, एेसा अखबार में आया है़
इसके बाद हंगामा शुरू हो गया़ सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने आपत्ति जतायी और प्रदीप का विरोध किया़ मंत्री रणधीर सिंह ने प्रदीप यादव पर हो-हंगामा के बीच आरोप लगाया कि वह जानबूझ कर सदन को बाधित करने के लिये ऐसे मुद्दे लाते हैं. सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि आधारहीन बातें है़ं अखबार में छपी खबर को इस तरह नहीं लाया जा सकता है़ प्रदीप ने कहा कि आप ही स्पीकर बनने वाले है़ं सत्ता पक्ष के विरंची नारायण, अनंत ओझा सहित कई विधायक इस विषय के विरोध में जोर-जोर से बोल रहे थे़
जनता विपक्ष को माफ नहीं करेगी : दीपक
रांची : भाजपा के प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश ने कहा कि विपक्षी सदस्यों के गैर जिम्मेदाराना और अलोकतांत्रिक व्यवहार को जनता कभी माफ नहीं करेगी. कहा कि विपक्ष लगातार सदन को बाधित करके जनता के सवालों से भाग रहा है. विपक्ष के जनप्रतिनिधि क्षेत्र के सवालों को महत्व न देकर हो-हंगामा को दायित्व समझ बैठे हैं. इसके कारण पक्ष और विपक्ष के सवालों को प्रश्नकाल में नहीं उठाया जा सका. श्री प्रकाश ने कहा कि विधानसभा राज्य की सर्वोच्च पंचायत है, जिसमें वाद-विवाद से समस्याओं का समाधान संभव है. परंतु विपक्ष बहस में न जाकर हंगामा करता रहा. विपक्ष का यह रवैया राज्य के लोकतंत्र को कमजोर बना रहा है. कहा कि जनता विपक्ष के इस रवैये को समझ रही है तथा आनेवाले समय में जनता इसका करारा जवाब भी देगी.
सदन में विचार मंथन व चर्चा न होना जनादेश पर प्रश्नचिह्न : सुदेश
रांची़ आजसू नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि लोकतंत्र में संसद और विधानसभा सबसे महत्वपूर्ण सदन है़ यह सर्वोच्च पंचायत है़ सदन में विचार मंथन और चर्चा का नहीं होना जनादेश पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है़ सदन चलाने की जवाबदेही पक्ष-विपक्ष दोनों की है़ श्री महतो ने कहा कि वर्तमान सत्र में विपक्ष ने अराजक तरीके से सदन की कार्यवाही बाधित कर सदन को नहीं चलने देने पर आमादा रहा.
स्थिति को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष द्वारा समय पूर्व सत्र का समापन कर दिया गया़ सदन केवल पक्ष या विपक्ष नहीं है बल्कि राज्य की 3.3 करोड़ जनता द्वारा चुनी गयी जनप्रतिनिधियों की एक सर्वोच्च संस्था है, जहां जनप्रतिनिधि जनता के हितों एवं राज्य हित में अपनी जवाबदेही एवं जिम्मेवारियों को पूर्ण करने की कार्यवाही करते है़ं वर्तमान बजट सत्र लगातार हंगामे से बाधित होता रहा और टकराव इस मोड़ पर पहुंचा कि नियत समय से पहले इसे स्थगित कर दिया गया़ बेशक सदन में विपक्ष पहरेदार की भूमिका में होता है, तो सरकार को अपनी कार्यकुशलता का परिचय देना पड़ता है़
संवाद ही सदन का शृंगार होता है : श्री महतो ने कहा कि संवाद ही सदन का शृंगार होता है़ सत्र तीन अधिकारियों के भेंट चढ़ गया और बजट जैसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा नहीं हो पायी़ विपक्ष की अनुपस्थिति में मुख्यमंत्री द्वारा बजट प्रस्तुत भी कर दिया गया और बिना चर्चा के बजट पास भी हो गया़ बजट जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा न हो पाना चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है़ इससे नुकसान राज्य की जनता का हो रहा है़
पक्ष-विपक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन नुकसान तो राज्य की जनता का हो रहा है. वर्तमान परिदृश्य में विधानसभा में प्रतिनिधियों को चुन कर भेजने के औचित्य पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है़ जनता जनप्रतिनिधियों को इस अपेक्षा के साथ चुन कर भेजती है कि वे निजी हित से ऊपर उठ कर राज्य को सर्वोपरि मानते हुए मर्यादापूर्ण आचरण करे़, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है.

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