केंद्रीय बजट : नवोदय के तर्ज पर जनजातीय प्रखंडों में ”एकलव्य विद्यालय”, झारखंड को होगा फायदा
रांची : केंद्र सरकार ने आज अपने बजट में अनुसूचित जनजाति बहुल इलाकों में एकलव्य विद्यालयों खोलने की घोषणा की है. यह पूर्ण रूप से आवासीय विद्यालय होगा. वित्त मंत्री जेटली ने घोषणा करते हुए कहा कि आदिवासी छात्रों के लिए वर्ष 2022 तक हर जनजातीय ब्लॉक जहां जनजातीय आबादी 50 प्रतिशत से ज्यादा है, […]
रांची : केंद्र सरकार ने आज अपने बजट में अनुसूचित जनजाति बहुल इलाकों में एकलव्य विद्यालयों खोलने की घोषणा की है. यह पूर्ण रूप से आवासीय विद्यालय होगा. वित्त मंत्री जेटली ने घोषणा करते हुए कहा कि आदिवासी छात्रों के लिए वर्ष 2022 तक हर जनजातीय ब्लॉक जहां जनजातीय आबादी 50 प्रतिशत से ज्यादा है, वहां एकलव्य विद्यालय खोले जायेंगे. जेटली ने बताया कि सरकार प्री नर्सरी से लेकर 12वीं क्लास तक को समग्र रूप से देखना चाहती हैं, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में विकास हो सके.
राष्ट्रीय बांस मिशन से झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों को होगा फायदा
केंद्र सरकार ने आज राष्ट्रीय बांस मिशन बनाने की घोषणा की है. इसके तहत 1500 करोड़ रुपये का आवंटन किया जायेगा. गौरतलब है कि झारखंड में बांस से बनने वाले उत्पाद लाखों परिवार के रोजगार का माध्यम है. ऐसे में बांस से बनने वाली वस्तुओं पर सरकार के नये घोषणा से झारखंड को लाभ मिल सकता है.
अनुसूचित जाति और जनजाति पर खर्च होने वाले राशि के आवंटन में वृद्धि
जेटली ने कहा कि अनुसूचित जनजातियों के 39,135 करोड़ रुपये अलग से आवंटन करने का प्रस्ताव करता हूं. यह आवंटन अनुसूचित जातियों के समुदाय के लिए 279 कार्यक्रमों के लिए और अनुसूचित जनजाति वर्ग के 305 कार्यक्रमों के लिए है. जेटली ने कहा कि वित्त वर्ष में 2017-18 के लिए न अनुसूचित जातियों के लि आवंटन 52,719 करोड़ रुपये व अनुसूचित जनजातियों के लिए 32,508 करोड़ रुपये था.