देश की राजनीति का केंद्र बना रांची का बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार, कल लालू से मिलेंगे शरद यादव
रांची : झारखंड की राजधानी रांची इन दिनों बिहार और देश की राजनीति का केंद्रबिंदु बन गयी है. बिहार और देश के बड़े नेता रांची आ रहे हैं. जेल या कोर्ट जा रहे हैं. लालू प्रसाद से मिलने. प्रयोजन, नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की सरकार पर हमला करना. जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और […]
रांची : झारखंड की राजधानी रांची इन दिनों बिहार और देश की राजनीति का केंद्रबिंदु बन गयी है. बिहार और देश के बड़े नेता रांची आ रहे हैं. जेल या कोर्ट जा रहे हैं. लालू प्रसाद से मिलने. प्रयोजन, नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की सरकार पर हमला करना. जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और एनडीए के संयोजक रहे शरद यादव के रविवार को रांची आने और सोमवार को लालू प्रसाद से मुलाकात करने की खबर से बिहार की सियासत में हलचल मच गयी है.
दरअसल, वर्ष 2018-19 के आम बजट से ठीक पहले पश्चिम बंगाल और राजस्थान के उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जोरदार झटका लगने से विपक्ष उत्साहित है. नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ सबसे ज्यादा मुखर नेता राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को सरकार विरोधी अभियान के रथ का सारथी बनानाचाहती है.
इसे भी पढ़ें : मुश्किल घड़ी में लालू प्रसाद यादव की शरद यादव से उम्मीद बंधे होने की क्या है वजह?
फलस्वरूप, रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में नेताओं का आना जारी है. केंद्र और बिहार सरकारकेविरोध की रणनीति यहीं से बन रही है. चारा घोटाला मामले में जेल में सजा काट रहे लालू से मिलने के लिए नेताओं का तांता लगा हुआ है. उनकी पार्टी के अलावा अलग-अलग दलों के नेता भी उनसे मिल रहे हैं.
कुछ लोग जेल में जाकर उनसे मिल रहे हैं, तो कुछ कोर्ट में उनकी पेशी के दौरान कचहरी में राजद सुप्रीमो से मिल रहे हैं. एक के बाद एक दो मामलों में सजा मिलने के बाद लालू प्रसाद आमतौर पर चुप रहते थे. लेकिन, जैसे ही राजस्थान और पश्चिम बंगाल के उपचुनावों के नतीजे आये, उन्होंने आम बजट के बहाने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जबर्दस्त प्रहार किया. अच्छे दिनों की याद दिलायी. कई और सवाल भी पूछे.
इसे भी पढ़ें : लालू ने शेयर की शरद के साथ वाली तस्वीर, नीतीश से पूछा- बताओ मंडल कमीशन लागू करवाने में तुम्हारा क्या रोल था?
बिहार और उत्तर प्रदेश के चुनावों से पहले समाजवादी धड़ों को एकजुट करने में नाकाम रहे शरद यादव एक बार फिर नरेंद्र मोदी और भाजपा विरोधी कुनबे को जोड़ने में जुटे हैं. इन्हीं कोशिशों के तहत वह लालू प्रसाद से मिलेंगे. शरद के लालू से मुलाकात की खबरों से ही बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है.
जैसे ही खबर आयी कि शरद यादव रांची में लालू प्रसाद से मुलाकात करने जा रहे हैं, जदयू नेता संजय कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ‘शरद यादव ने अपनी गरिमा खो दी है. जिसके खिलाफ वह एक दशक से ज्यादा समय तक लड़ते रहे, उसी से मिलने जारहे हैं.’ संजय कुमार ने कहा कि जनता 90 के दशक का बिहार नहीं चाहती. शरद यादव को यह सोचना चाहिए.
इसे भी पढ़ें : लालू के खिलाफ फैसले पर बोले शरद, ऊपरी अदालत से मिलेगा न्याय
वहीं, राजद नेता शिवचंद्र राम ने कहा कि शरद यादव यदि लालू प्रसाद से मिलने जा रहे हैं, तो इसमें बुराई क्या है? संजय सिंह को शरद पर बयान देने का कोई हक नहीं है. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि वृषिण पटेल, उदय नारायण चौधरी, देवेंद्र प्रसाद यादव समेत कई बड़े नेता लालू प्रसाद यादव से रांची में मुलाकात कर चुके हैं. इसके बाद से यह चर्चा है कि एनडीए के कई दल राजद से तालमेल कर केंद्र व बिहार सरकार के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ेंगे.