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झारखंड : चतरा के विकास भवन में गड़बड़ी छिपाने के लिए लगायी गयी थी आग!
मामले की प्रारंभिक जांच के लिए सरकार ने गठित की थी तीन सदस्यीय समिति विवेक चंद्र रांची : जांच समिति ने चतरा जिले की विकास योजनाओं में हुई गड़बड़ी को छिपाने के उद्देश्य से आग लगाये जाने की आशंका जतायी है. चतरा के विकास भवन में आग लगने की घटना के अापराधिक पहलू की जांच […]
मामले की प्रारंभिक जांच के लिए सरकार ने गठित की थी तीन सदस्यीय समिति
विवेक चंद्र
रांची : जांच समिति ने चतरा जिले की विकास योजनाओं में हुई गड़बड़ी को छिपाने के उद्देश्य से आग लगाये जाने की आशंका जतायी है. चतरा के विकास भवन में आग लगने की घटना के अापराधिक पहलू की जांच सीआइडी से कराने की अनुशंसा की है. इस सिलसिले में सीआइडी के एडीजी को पत्र लिखा गया है.
गौरतलब है कि चतरा विकास भवन में दो नवंबर 2017 को अगलगी की घटना हुई थी. मामले की प्रारंभिक जांच के लिए सरकार ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था. समिति ने घटना के समय वहां मौजूद सिपाही विनोद यादव द्वारा दिये गये बयान, उपायुक्त द्वारा उपलब्ध कराये गये वीडियो और तसवीरों के साथ घटनास्थल का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है. इसमें विकास भवन में सामान्य कारणों की वजह से आग लगने की घटना को नकारा गया है. इसके लिए परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को आधार बनाया गया है.
क्या लिखा है जांच रिपोर्ट में : आग लगने से पैदा होनेवाला कोई निशान नहीं मिला
रिपोर्ट में कहा गया है कि विकास भवन में आग लगने से पैदा होने वाले धुंए आदि का कोई निशान छत पर या कहीं और नहीं पाया गया. सामान्य परिस्थिति में जब कहीं दुघर्टनावश या किसी अन्य कारणों से आग लगती है, तो आग धीरे-धीरे पूरे कमरे में फैलती है.
लेकिन, विकास भवन में चारों तरफ एक ही साथ आग फैल गयी थी. बाहर रखी फाइलों के अलावा अलमारी में रखी फाइलें भी जल गयी थी. जो पूरी तरह से असामान्य है. कमरे में एक साथ चारों तरफ आग का फैलना तभी संभव हो सकता है, जब कमरे में कोई अति ज्वलनशील पदार्थ हो. और वह आग के संपर्क में आकर एक साथ चारों ओर से जल जाये.
सिपाही विनोद ने अपने बयान में एक साथ चारों तरफ आग लगने और धमाका होने की बात कही है. इससे लगता है कि चतरा के विकास भवन में किसी दुघर्टनावश आग नहीं लगी थी. समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आग की घटना पूरी तरह संदेहास्पद प्रतीत होती है. ऐसा लगता है कि किसी अत्यंत ज्वलनशील गैसीय पदार्थ को कमरे के अंदर भर दिया गया था. इसके बाद किसी तरीके का इस्तेमाल कर वहां चिंगारी पहुंचायी गयी थी, जिससे पूरा कमरा एक ही साथ धमाके से जल उठा होगा. इसके मद्देनजर समिति ने आग की घटना के आपराधिक पहलू की जांच सीआइडी से कराने की अनुशंसा की है.
आगजनी टालने के लिए सभी उपायुक्तों को दिये गये सुझाव
ऊर्जा विभाग ने राज्य के सभी उपायुक्तों को चतरा के विकास भवन में अगलगी की घटना के आलोक में सुझाव दिये हैं. उपायुक्तों को अगलगी की घटना टालने के लिए निर्देशित किया गया है. सरकारी भवनों में सीसीटीवी लगाते हुए निगरानी की समुचित व्यवस्था करने, पूर्णकालिक सुरक्षाकर्मी रखने, अग्नि सुरक्षा व्यवस्था करने, लाइसेंसी विद्युत एजेंसी से बिजली की व्यवस्था कराने और चहारदीवारी को ऊंचा कर कंटीले तारों से सुरक्षित करने के सुझाव दिये गये हैं.
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