मंत्री सरयू राय ने रघुवर दास से किसी भी तरह की नाराजगी से किया इन्कार, कही ये बात
नयी दिल्ली : राज्य में चल रही राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर दिल्ली में चतरा के सांसद सुनील कुमार सिंह के आवास पर दिन भर मीडिया का आना-जाना लगा रहा. इसका कारण सरकार से असंतुष्ट बताये जा रहे राज्य के खाद्य व उपभोक्ता मंत्री सरयू राय का इनके आवास पर आना था. हालांकि श्री राय ने […]
नयी दिल्ली : राज्य में चल रही राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर दिल्ली में चतरा के सांसद सुनील कुमार सिंह के आवास पर दिन भर मीडिया का आना-जाना लगा रहा. इसका कारण सरकार से असंतुष्ट बताये जा रहे राज्य के खाद्य व उपभोक्ता मंत्री सरयू राय का इनके आवास पर आना था. हालांकि श्री राय ने सरकार या मुख्यमंत्री से किसी भी तरह की नाराजगी को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वह व्यक्तिगत काम से आये हैं. आलाकमान से मिलने के किसी भी संभावना से उन्होंने इंकार किया.
आलाकमान उन्हें बुलाता है, तो जरूर जायेंगे : खाद्य व उपभोक्ता मंत्री श्री राय ने कहा कि उन्होंने पिछली बार ही आलाकमान को झारखंड की घटना से अवगत करा दिया था. राज्य में जो अच्छा या खराब हो रहा हो, उसकी जानकारी आलाकमान को देने में कोई हर्ज नहीं है, लेकिन वही बातें बार-बार दोहराने का मतलब है कि वह किसी तरह की मुहिम चला रहे हैं. आलाकमान के पास और भी कई ऐसे स्रोत हैं, जिसके सहारे वह सभी पर नजर रखता है. यदि आलाकमान उन्हें बुलाते हैं, तो वह जरूर जायेंगे. अपनी बात भी रखेंगे. यह पूछे जाने पर कि आपके द्वारा उठाये गये सवाल या मुख्यमंत्री को लिखे गये पत्रों से सरकार की किरकिरी होती है?उन्होंने कहा कि उन्हें जो भी बात सही लगती है, उसे वह बोलते हैं और मुख्यमंत्री के संज्ञान में भी लाते हैं. इसलिए इसे सरकार की आलोचना या निगेटिव रूप में नहीं लेना चाहिए. यदि कहीं कोई गड़बड़ी है, तो जब तक वह बाहर नहीं आयेगा, राज्य के मुखिया के संज्ञान में नहीं आयेगा, तब तक चीजें कैसे दुरुस्त होंगी. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, वह अब तक जो भी मामले उठाये हैं, उस पर सीएम ने कार्रवाई की है. इसलिए नाराजगी का सवाल नहीं है.
विपक्ष सशक्त होता है, तो सत्ता पक्ष भी सचेत रहता है : सरयू राय ने साफ शब्दों में कहा कि सिस्टम में यदि कहीं कोई गड़बड़ी है, तो उसे उठाना चाहिए, उसे दूर करने की कोशिश की जानी चाहिए. उसे नजरअंदाज करने से सरकार, जनता और पार्टी सभी का नुकसान होता है. इसलिए सिस्टम में जहां भी कोई गड़बड़ी लगती है, वहां हम सचेत करते हैं. विपक्षी एकता को एक करने की कोशिश में लगे शरद यादव की राजद प्रमुख लालू प्रसाद से हुई मुलाकात के विषय में उन्होंने कहा कि शरद यादव हमलोगों के नेता रहे हैं. वह कभी लालू से बिहार को मुक्त करने के लिए मुहिम चलाते थे, लेकिन आज वह लालू प्रसाद के लिए लगे हुये हैं. जो भी हो विपक्षी एकता जरूरी है. क्योंकि विपक्ष जब सशक्त होता है, तो सत्ता पक्ष भी सचेत रहता है. सत्ता पक्ष को भी काम करने में अच्छा लगता है.