100 घंटे में 11 हजार शौचालय बनाकर सिमडेगा की पहचान दिल्ली तक बनी

II रविकांत साहू II गांव की महिलाएं शौचालय का उपयोग कर जी रही हैं इज्जत की जिंदगी सिमडेगा/रांची : देश में शुरू किये गये स्वच्छता संवाद कार्यक्रम के लिए सबसे पहले सिमडेगा जिला को ही चुना गया. जिले के ठेठईटांगर प्रखंड के अंबापानी गांव में आयोजित संवाद कार्यक्रम में भाग लेने के लिए दिल्ली से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2018 5:51 AM
II रविकांत साहू II
गांव की महिलाएं शौचालय का उपयोग कर जी रही हैं इज्जत की जिंदगी
सिमडेगा/रांची : देश में शुरू किये गये स्वच्छता संवाद कार्यक्रम के लिए सबसे पहले सिमडेगा जिला को ही चुना गया. जिले के ठेठईटांगर प्रखंड के अंबापानी गांव में आयोजित संवाद कार्यक्रम में भाग लेने के लिए दिल्ली से पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर पहुंचे. सीएस राजबाला वर्मा तथा पेयजल सचिव अाराधना पटनायक भी मौजूद थीं.
कार्यक्रम में ग्रामीणों के शौचालय के प्रति उत्साह को देख कर श्री अय्यर दंग रह गये. उन्होंने कहा कि अब भारत को खुले में शौच से मुक्त होने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा. राज्य सरकार द्वारा स्वच्छता संकल्प अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें सिमडेगा जिले द्वारा 100 घंटे में 11 हजार शौचालय का निर्माण किया गया.
अहले सुबह ही निकल पड़ते हैं उपायुक्त
शौचालय निर्माण के प्रति जिले के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री की मेहनत रंग लायी. वे अहले सुबह ही शौचालय निर्माण तथा इसके उपयोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में निकल पड़ते थे. ग्रामीणों के साथ चटाई पर बैठ कर शौचालय निर्माण तथा इससे होने वाले लाभ से अवगत कराते हैं.
पांच दिनों में 11 हजार शौचालय
नतीजा यह हुआ कि जनप्रतिनिधि तथा अधिकारियों के सहयोग से पांच दिनों में 10 हजार शौचालय बनाने के लक्ष्य को हासिल कर लिया गया. अभियान के तहत 21 से 25 जनवरी तक जलडेगा प्रखंड में 1411, कुरडेग 1024,बोलबा में 576, पाकरटांड़ 984, ठेठईटांगर 1961, कोलेबिरा 1690, सिमडेगा 1142, बानो 2090 शौचालय का निर्माण किया गया. शौचालय निर्माण में कोलेबिरा के सीओ प्रताप मिंज को अपने कंधे पर ईंट ढोकर पहुंचाते हुए देखा गया. वहीं जहां रास्ता नहीं था वहां बच्चे, बूढ़े, महिलाएं सभी ने शौचालय निर्माण में सहयोग दिया.
सुबह होते ही बजने लगती है सीटी
ठेठईटांगर प्रखंड का राजस्व ग्राम अंबापानी शौचालय निर्माण के कारण आज चर्चा में है. अंबापानी गांव के नदी टोली में कुल 23 घर हैं. सभी घरों में शौचालय है. गांव में महिला समूह है जो अहले सुबह से सीटी बजाना शुरू कर देती है, ताकि कोई खुले में शौच के लिए नहीं जा सके. केरो टोली के अंजोर कुल्लू कहते हैं अब गांव की महिलाएं भी शौचालय का उपयोग करती हैं और इज्जत की जिंदगी जी रही हैं.
शौचालय के लिए सिमडेगा की ब्रांड एंबेसडर बन गयीं दोरोथिया केरकेट्टा
सिमडेगा/रांची : दोरोथिया केरकेट्टा आज सिमडेगा जिले व राज्य में पहचान की मोहताज नहीं है. जिले के केरसई प्रखंड के छोटे से गांव बासेन गोदा टोली में जन्मी दोरोथिया ने शौचालय निर्माण कराने में अपना जीवन लगा दिया.
प्रारंभिक शिक्षा संतअन्ना ढिंगुपानी से हासिल की. इसके बाद मैट्रिक की शिक्षा के बाद टीचर्स ट्रेनिंग के लिये लोहरदगा चली गयीं. लेकिन उन्हें इस बात का हमेशा मलाल था कि उनके घर में शौचालय नहीं है. ऐसे में जब भी हॉस्टल से गांव आने का समय होता था उन्हें शर्म आती थी. हालांकि उन्होंने ठान लिया था कि वह सबसे पहले अपने घर में अपनी कमाई से शौचालय बनवायेंगी. वह 1973 में शिक्षिका के पद पर नियुक्त हुईं. उन्होंने पहले वेतन के रूप में मिले डेढ़ हजार रुपये से ही घरवालों के विरोध के बावजूद शौचालय का निर्माण कराया. वह 2006 में सेवानिवृत्त हो गयी. इसके बाद पंचायत चुनाव 2014 में मुखिया का चुनाव लड़ी तथा विजयी हुईं.
चुनाव के बाद उन्होंने सबसे पहले अपने गांव को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए गांव में शौचालय बनाने की बात कही. गांव के लोगों के साथ लगातार बैठक कर शौचालय के महत्व व इसके लाभ से अवगत कराते हुए शौचालय निर्माण के लिये तैयार किया. नतीजा यह हुआ कि करंगागुड़ी राजस्व गांव में जिले में सबसे पहले 2015 में 262 शौचालय का निर्माण कराया गया. और फिर वह दिन भी आया जब गांव को 2016 में ओडीएफ घोषित कर दिया गया.
शौचालय निर्माण में पेंशन का पूरा पैसा लगा दिया
शौचालय निर्माण के जुनून में दोरोथिया ने पेंशन की पूरी राशि तक लगा दी. उनके इस जुनून को सम्मान मिला. दो अक्तूबर को प्रधानमंत्री ने उन्हें सम्मान पत्र दिया. झारखंड में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी उन्हें सम्मानित किया. यूनिसेफ ने उन्हें महिला सेनानी का दर्जा दिया. सिमडेगा जिला प्रशासन ने उन्हें स्वच्छता अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाया है.

Next Article

Exit mobile version