रांची : झारखंड और रांची की शान है हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (एचइसी). जब इसकी स्थापना हुई थी, पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इसे मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर और गुरुद्वारा की संज्ञा दी थी. यह रांची और झारखंड ही नहीं, देश की धरोहर है. हम इसे बिकने नहीं देंगे. एचइसी को बचाने के लिए जल्द बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे. यदि HEC बिक गयी या बंद हुई, तो झारखंड की सरकार को भी जाना होगा, क्योंकि जिस कैंपस में कंपनी है, जब वह कैंपस ही नहीं रहेगा, तो सरकार क्यों रहेगी?
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कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने prabhatkhabar.com से बातचीत में शनिवार को ये बातें कहीं. श्री सहाय ने कहा कि एचईसी से उनका गहरा लगाव है. उनके जीवन का बड़ा हिस्सा एचइसी में बीता है. एचइसी उनके लिए राजनीति का मुद्दा नहीं है. यह लोगों के जीवन से जुड़ा मुद्दा है. लोगों की रोजी-रोटी से जुड़ा मुद्दा है. उनकी खुशी से जुड़ा मामला है. मजदूरों के भविष्य का मुद्दा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एचइसी सुरक्षित रहेगी, तो इस क्षेत्र के लोगों का भविष्य सुरक्षित रहेगा. यदि यह कंपनी बिक गयी, तो लोगों का भविष्य बर्बाद हो जायेगा.
उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी भाजपा की सरकार सत्ता में आती है, सरकारी प्रतिष्ठानों को बेचने में लग जाती है. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने सबसे पहले HEC कोबेचनेकीकवायदशुरूकीथी.किस्मतसेबिक्रीकी प्रक्रिया पूरी होने से पहले उनकी सरकार चली गयी. ‘फील गुड’ वाली सरकार का अंत हुआ और कांग्रेस की सरकार केंद्र में आ गयी. इसके बाद उन्होंने सोनिया गांधी पर दबाव डालकर एचइसी को बीआइएफआर से बाहर निकलवाया और उसके लिए बड़े पैकेज की व्यवस्था करवायी.
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सुबोधकांत सहाय ने कहा कि उनके दबाव में ही कैबिनेट ने 24 घंटे के अंदर एचइसी के पुनरुद्धार के लिए पैकेज को मंजूरी दी. लोगों को एक साथ 10 महीने का वेतन मिला, क्योंकि इतने दिनों से उन्हें वेतन नहीं मिला था. तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शहीद मैदान में एलान किया था कि एचइसी को बिकने नहीं देंगे.
झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे श्री सहाय ने रघुवर दास सरकार पर जमकर हमला बोला. कहा कि रघुवर सरकार ने HEC को अपनी जागीर समझ रखा है. सरकार ने फैक्टरी की जमीन पर भी कब्जा कर रखा है. झारखंड की अब तक की सरकारों ने एचइसी का सिर्फ दोहन किया है. किसी ने इसकी बेहतरी के लिए कुछ नहीं किया. HEC को बचाने के लिए कभी कुछ नहीं किया.
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उन्होंने कहा कि सरकार स्मार्ट सिटी बसाने से लेकर तमाम महत्वपूर्ण संस्थानों की स्थापना HEC में कर रही है. उसे समझना चाहिए कि कोई भी शहर किसी उद्योग से कम से कम 20 किलोमीटर दूर होना चाहिए. लेकिन, झारखंड की रघुवर दास सरकार HEC में ही सब कुछ कर रही है. उसने कंपनी की 4,000 एकड़ जमीन ले ली. पूरे पैसे भी नहीं दिये. अब जबकि कंपनी खुद को स्थापित कररहीहै, जमीन की बिक्री से मिले पैसे से अपना विस्तार करना चाहती है, तो केंद्र की सरकार इसे बेचने की बात कर रही है.
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया का ढिंढोरा दुनिया भर में पीट रहे हैं, लेकिन ‘मेड इन इंडिया’ HEC को बेच रहे हैं. वह ‘मां’ को बेचना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि HEC ‘मदर ऑफ इंडस्ट्री’ है. श्री सहाय ने कहा कि इसे वह बिकने नहीं देंगे. HEC को बचाना उनकेजीवनकाउद्देश्यहै.श्रीसहायनेकहाकिवह HEC को बिकने नहीं देंगे. यदि यह कंपनी बंद हुई, तो सरकार को भी जाना होगा, क्योंकि जिस कैंपस में कंपनी है, जब वह कैंपस ही नहीं रहेगी, तो सरकार क्यों रहेगी?