रांची : सरकार को शराब के व्यापार से लगातार राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है. अब तक की गयी राजस्व वसूली की राशि पिछले वर्ष के मुकाबले 206 करोड़ रुपये कम है. उत्पाद विभाग ने जनवरी तक शराब से 533 करोड़ रुपये का राजस्व वसूला है. जबकि, पिछले वर्ष जनवरी महीने तक 739 करोड़ रुपये वसूले गये थे. विभाग को शराब की बिक्री से मिले राजस्व से यह साफ है कि 1600 करोड़ रुपये वसूली का लक्ष्य पूरा करना संभव नहीं है.
शराब की खुदरा बिक्री स्वयं करने के फैसले के बाद राजस्व में लगातार हो रही कमी को देखते हुए पिछले वर्ष के अांकड़ों तक भी पहुंचना काफी मुश्किल है. पिछले वर्ष 1500 करोड़ रुपये के तय लक्ष्य के मुकाबले 957 करोड़ रुपये वसूले गये थे. चालू वित्तीय वर्ष में इससे लगभग 200 करोड़ रुपये कम राजस्व मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है.
रांची के पूर्व सहायक उत्पाद आयुक्त उमाशंकर सिंह को निलंबन मुक्त करने की अनुशंसा की गयी है. उत्पाद सचिव ने निलंबन मुक्त करने का प्रस्ताव तैयार कर सीएम की सहमति के लिए भेजा है. श्री सिंह एक महीना पहले निलंबित किये गये थे. रांची के प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में बनी जांच कमेटी द्वारा जहरीली शराब कांड में दोषी ठहराये जाने से उनको निलंबित किया गया था.
भोर सिंह के भय से प्रिंट रेट पर बिकने लगी शराब
रांची एसडीओ के रूप में शराब का अवैध धंधा रोकने के लिए भोर सिंह यादव सबको याद हैं. उत्पाद आयुक्त बनते ही उनका भय शराब के अवैध कारोबारियों में दिखने लगा है. उनके प्रभार लेते ही प्रिंट रेट पर शराब मिलनी शुरू हो गयी है. पिछले काफी दिनों से शराब दुकानदार बोतलों पर 10 रुपये से 100 रुपये तक अधिक वसूल कर रहे थे. हालांकि, दो दिनों से कुछ दुकानों में फिर से प्रिंट रेट पर शराब मिलने लगी है.