भुईयां की नौ उप जातियां एससी सूची में शामिल होंगी

रांची : डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआइ), मोरहाबादी ने अनुसूचित जाति (एससी) सूची में शामिल भुईयां की नौ उप जातियों को भी इसी सूची में शामिल करने की अनुशंसा कार्मिक विभाग से की है. इनमें क्षत्रिय, पाईक, खंडित पाईक, कोटवार, प्रधान, मांझी, देहरी क्षत्रीय, खंडित भुईयां तथा गड़ाही/गरही उपजाति शामिल हैं. टीअारआइ की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2018 1:32 AM

रांची : डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआइ), मोरहाबादी ने अनुसूचित जाति (एससी) सूची में शामिल भुईयां की नौ उप जातियों को भी इसी सूची में शामिल करने की अनुशंसा कार्मिक विभाग से की है. इनमें क्षत्रिय, पाईक, खंडित पाईक, कोटवार, प्रधान, मांझी, देहरी क्षत्रीय, खंडित भुईयां तथा गड़ाही/गरही उपजाति शामिल हैं.

टीअारआइ की यह शोध रिपोर्ट सिमडेगा, प.सिंहभूम तथा सरायकेला-खरसांवा के पांच प्रखंडों का दौरा कर तैयार की गयी है. शोधकर्ताअों डॉ अभिषेक चौहान, कीर्ति विक्रम व राजू टोप्पो ने करीब 200 घरों का सर्वेक्षण किया तथा संबंधित उपजाति के इतिहास, पुश्तैनी कार्य, सामाजिक संगठन, विभिन्न (जन्म, मृत्यु व विवाह) संस्कार, शासन व्यवस्था, सामाजिक अादि स्थिति का अध्ययन कर रिपोर्ट में इन्हें भुईयां जाति के सदृश्य पाया है.

निष्कर्ष व अनुशंसा
भुईयां की उप जातियों की सामाजिक, शैक्षणिक व आर्थिक स्थिति पिछड़ी है. अन्य जातियों में इनके लिए छुआछूत की भावना रखी जाती है. भुईयां की उप जातियों का भुईयां जाति के साथ विवाह संबंध है. कहीं-कहीं खतियान में भुईयां जाति लिखकर उप जाति भी लिखी गयी है. पर भुईयां की उप जातियां झारखंड सरकार की जाति सूची में नहीं है. इससे अनुसूचित जाति (एससी) के रूप में इनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है. अत: शोध रिपोर्ट के अालोक में भुईयां की उपरोक्त उपजातियों को भुईयां जाति के अंतर्गत सूचीबद्ध करने पर विचार किया जा सकता है.

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