एक रोड के लिए 19 ने डाला टेंडर

आपाधापी l ठेकेदारों में शहर के आसपास के इलाकों में काम लेने की होड़ रांची : शहर के आसपास के ग्रामीण इलाकों की सड़क योजनाअों का काम लेने के लिए ठेकेदारों में होड़ मची है. यही वजह है कि एक-एक योजना के लिए औसत 10 ठेकेदार टेंडर डाल रहे हैं. हाल ही में निकले बनहोरा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2018 1:43 AM

आपाधापी l ठेकेदारों में शहर के आसपास के इलाकों में काम लेने की होड़

रांची : शहर के आसपास के ग्रामीण इलाकों की सड़क योजनाअों का काम लेने के लिए ठेकेदारों में होड़ मची है. यही वजह है कि एक-एक योजना के लिए औसत 10 ठेकेदार टेंडर डाल रहे हैं. हाल ही में निकले बनहोरा की एक सड़क योजना में तो 19 ठेकेदारों ने टेंडर डाला है. इतनी संख्या में ठेकेदारों के टेंडर डालने की वजह से उसके निष्पादन में समस्या हो रही है. 12 दिसंबर को बनहोरा, पंडरा व ललगुटुवा की सड़क योजना के लिए टेंडर निकला. टेंडर डालने की अंतिम तिथि 19 दिसंबर थी.
इसका टेंडर 21 दिसंबर को खोल दिया गया, लेकिन अभी तक टेंडर निष्पादन नहीं हो पाया है. बनहोरा व पंडरा के मामले में अभी तक ठेकेदारों के कागजातों का आकलन ही किया जा रहा है.
21 दिसंबर को खुली थी निविदा, पर अभी तक नहीं हुई फाइनल
हो रही है हाई लेवल पैरवी
काम को लेकर हाई लेवल पैरवी हो रही है. इंजीनियरों तक हर दिन पैरवी पहुंच रही है. हालांकि अभी तक किसी की पैरवी नहीं सुनी गयी है. इधर, ठेकेदार भी रोज मुख्य अभियंता कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि पैरवी की वजह से टेंडर फाइनल करना मुश्किल होता है. बड़ी पैरवी वाले नाराज न हो जायें, इसलिए टेंडर लटका कर रखा जाता है.
इन योजनाअों का निकला था टेंडर
पंडरा गांव से विभिन्न जगहों का पीसीसी रोड (3.9 किमी, 2.57 करोड़)
बनहोरा होली फैमिली सिस्टर काॅन्वेंट से हुलहुटुवा तक (3.14 किमी, 2.09करोड़)
एनएच 23 कटहल मोड़ से कुम्हार टोली तक विभिन्न गलियों का निर्माण (3.1 किमी,1.63 करोड़)
यूकैन जांच कराने में हुई देरी
ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंताअों ने बताया कि टेंडर पड़ने पर ठेकेदारों की सूची यूकैन जांच के लिए भेजी जाती है. यूकैन में करीब एक माह लग गया. जिन योजनाअों में ज्यादा ठेकेदार होते हैं, उनमें ज्यादा जांच करानी पड़ती है. वहीं शिकायतों के मामले भी ज्यादा आ रहे हैं. इस वजह से शिकायतों की जांच कराने में काफी समय लग रहा है. इन सारे मामलों की वजह से टेंडर निष्पादन में विलंब हो रहा है.

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