हर वर्ष बढ़ रहे एक लाख लोग

रांची: झारखंड की जनसंख्या हर साल एक लाख से अधिक बढ़ रही है. वर्ष 2001 में राज्य की जनसंख्या 2,69,45,829 थी, जो अब बढ़ कर 3,29,88,134 हो गयी है. शुक्रवार को प्राथमिक जनगणना सार-2011 का विमोचन करते हुए जनगणना निदेशक सुनील वर्णवाल ने बताया : झारखंड राज्य में अधिकतम जनसंख्या वाले तीन जिले क्रमश: रांची […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:43 PM

रांची: झारखंड की जनसंख्या हर साल एक लाख से अधिक बढ़ रही है. वर्ष 2001 में राज्य की जनसंख्या 2,69,45,829 थी, जो अब बढ़ कर 3,29,88,134 हो गयी है. शुक्रवार को प्राथमिक जनगणना सार-2011 का विमोचन करते हुए जनगणना निदेशक सुनील वर्णवाल ने बताया : झारखंड राज्य में अधिकतम जनसंख्या वाले तीन जिले क्रमश: रांची (29.14 लाख), धनबाद (26.84 लाख) और गिरिडीह (24.45 लाख) हैं. वहीं, सबसे कम जनसंख्या लोहरदगा (4.61 लाख), खूंटी (5.31 लाख) व सिमडेगा (5.99 लाख) में है.

गांवों में बसता है झारखंड
राज्य की 76 फीसदी आबादी गांवों में बसती है. शहरों में रहनेवाले लोगों की संख्या कुल आबादी का केवल 24 फीसदी है. सबसे ज्यादा ग्रामीण आबादीवाले जिले गिरिडीह (22.37 लाख), पलामू (17.13 लाख) व रांची (16.56 लाख) हैं. सबसे कम ग्रामीण आबादी लोहरदगा (4.04 लाख), खूंटी (0.44 लाख) व लातेहार (0.51 लाख) में है. सबसे ज्यादा शहरी आबादी धनबाद (15.60 लाख), पूर्वी सिंहभूम (12.74 लाख) व रांची (12.57) में है. सबसे कम शहरी आबादीवाले जिले सिमडेगा (0.42 लाख), खूंटी (0.44 लाख) और लातेहार (0.51) लाख हैं.

लिंगानुपात में एसटी सबसे अच्छे
लिंगानुपात में एसटी सबसे अच्छे हैं. प्रति हजार पुरुषों में पाकुड़ (1027), दुमका (1024) व पश्चिम सिंहभूम (1019) में महिलाओं की संख्या काफी बेहतर है. एसटी लिंगानुपात में सबसे खस्ता हाल स्थिति कोडरमा (921), पलामू (957) व चतरा (969) का है. एससी के अधिकतम लिंगानुपात वाले जिले पश्चिम सिंहभूम (1025), सिमडेगा (1017) व सरायकेला-खरसावां (990) हैं. एससी के न्यूनतम लिंगानुपात वाले जिले गोड्डा (931), धनबाद (932) व देवघर (933) हैं.

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