RIMS में नर्सों की हड़ताल खत्‍म, स्‍वास्‍थ्‍य सचिव ने दिया लिखित आश्‍वासन

रांची : स्‍वास्‍थ्‍य सचिव के लिखित आश्‍वासन के बाद रिम्‍स में हड़ताल कर रही लगभग 400 नर्सों ने हड़ताल वापस लेकर काम पर लौटने का फैसला किया. स्‍वास्‍थ्‍य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने दो महीने में नर्सों की मांग पूरी करने का आश्‍वासन लिखित में दिया. रविवार रात से रिम्‍स की नर्सों के हड़ताल में जाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2018 2:08 PM

रांची : स्‍वास्‍थ्‍य सचिव के लिखित आश्‍वासन के बाद रिम्‍स में हड़ताल कर रही लगभग 400 नर्सों ने हड़ताल वापस लेकर काम पर लौटने का फैसला किया. स्‍वास्‍थ्‍य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने दो महीने में नर्सों की मांग पूरी करने का आश्‍वासन लिखित में दिया. रविवार रात से रिम्‍स की नर्सों के हड़ताल में जाने के बाद रिम्‍स में मरीजों की हालत खराब थी.

इमरजेंसी और ट्रॉमा में मरीज और उनके परिजनों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ा. गंभीर हालत में रिम्‍स में भर्ती कई मरीजों को प्राइवेट नर्सिंग होम का शरण भी लेना पड़ा. रविवार को स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी और स्‍वास्‍थ्‍य सचिव के साथ नर्सों की वार्ता विफल रही थी. नर्सें लिखित आश्‍वासन की मांग कर रही थीं, जबकि कोई भी लिखित आश्‍वासन देने के लिए तैयार नहीं था.

पिछले दिनों मुख्‍यमंत्री की पहल में मेदांता अस्‍पताल में मुक्‍त कराये गये वृद्ध किसान मोहम्मद अयूब अली को भी रिम्‍स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था. उनकी हालत खराब होने और रिम्‍स में नर्सों की हड़ताल के बाद दूसरे अस्‍पताल में ले गये हैं. अयूब अली को जोड़ा तालाब के पास स्थित लेक व्‍यू नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है.

अयूब के परिजनों के अनुसार रिम्स में भी बेहतर इलाज नहीं हो पाने से अयूब अली के शरीर में इंफेक्शन हो गया है. परिजनों ने कहा कि रिम्‍स की नर्सें भी हड़ताल पर चली गयी हैं. जिस कारण मजबूरी में इन्हें दूसरे प्राईवेट अस्पताल में ले जाना पड़ रहा है.

नर्सों की मुख्‍य मांगे

नर्सों को एम्स के अनुसार वेतन दिया जाये. रिटायरमेंट की उम्र सीमा 65 वर्ष की जाए और आउटसोर्सिंग से नर्सों की बहाली बंद की जाए. ये हड़ताल उम्र सीमा डॉक्टरों के बराबर करने समेत आठ सूत्री मांगों को लेकर हो रही है. हालांकि, रिम्‍स प्रबंधन और स्वास्थ्य सचिव ने अपने-अपने स्तर पर नर्सों से कई दौर की वार्ता भी की, लेकिन नर्सें नहीं मानीं.

पहले भी दी थी हड़ताल की धमकी

जूनियर नर्स एसोसिएशन के बैनर तले रिम्‍स की नर्सों का आंदोलन पिछले महीने से ही चल रहा है. अपनी मांगों को लेकर नर्सें 31 जनवरी की आधी रात से ही हड़ताल पर जानेवाली थीं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन के आश्वासन पर हड़ताल स्थगित कर दी थी. इधर, आठ फरवरी को हुई रिम्‍स शासी परिषद की बैठक के बाद रिम्‍स की नर्सों ने स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी को घेरकर उनसे अपनी मांगों पर लिखित आश्वासन मांगा, लेकिन मंत्री ने मौखिक आश्वासन दिया. इसके बाद नर्सों ने 11 फरवरी की आधी रात से बेमियादी हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी. इससे पहले नर्सों ने काला बिल्ला लगाकर और पेन डाउन हड़ताल कर मंशा जाहिर कर दी थी.

नर्सों का हड़ताल और छुट्टी पर चले गये प्रभारी निदेशक

राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में सभी नर्सें हड़ताल पर चली गयी हैं. यह जानकारी होने के बावजूद अस्पताल के प्रभारी निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव शनिवार से छुट्टी पर चले गये हैं. उन्होंने अपना प्रभार डॉ मंजू गाड़ी को दिया है.

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