दर्जन भर पार्षद व पार्षद पति कर रहें ठेकेदारी, जनता से लेकर वोट, रांची नगर निगम में कमा रहें नोट

रांची : बेटे के नाम पर कंपनी बनाकर डिप्टी मेयर द्वारा ठेकेदारी किये जाने का मामला चर्चा में है. इस एक मामले के सामने आने के बाद एक बात तो साफ हो गयी है कि जिन लोगों को शहर की जनता अपना प्रतिनिधि (पार्षद, डिप्टी मेयर, मेयर) बना कर निगम में भेजती है, वे भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2018 6:12 AM
रांची : बेटे के नाम पर कंपनी बनाकर डिप्टी मेयर द्वारा ठेकेदारी किये जाने का मामला चर्चा में है. इस एक मामले के सामने आने के बाद एक बात तो साफ हो गयी है कि जिन लोगों को शहर की जनता अपना प्रतिनिधि (पार्षद, डिप्टी मेयर, मेयर) बना कर निगम में भेजती है, वे भी ठेकेदारी करके मोटी रकम जुटाने में लगे हुए हैं.
नगर निगम के संवेदकों से बात करने पर यह बात सामने आयी है कि नगर निगम में एक दर्जन से अधिक पार्षद और पार्षद पति ऐसे हैं, जो निगम में ठेका-पट्टा मैनेज करने का काम करते हैं. वहीं, कुछ पार्षद ऐसे भी हैं, जिनके यहां ठेका तो कोई ठेकेदार लेता है, लेकिन मोहल्ले में काम वार्ड पार्षद की करते हैं. हालांकि, इन ठेका-पट्टा के कामों में कागज पर नाम ठेकेदार का ही रहता है.
बड़े कामों में मुनाफा कम, इसलिए छोटे कामों पर विशेष ध्यान : नगर निगम के इंजीनियरिंग सेल में पदस्थापित एक अभियंता की मानें, तो ठेका-पट्टा करने वाले इन वार्ड पार्षदों का ध्यान बड़े कामों पर कम, छोटे कामों पर अधिक रहता है. छोटे कामों के लिए निगम टेबुल टेंडर निकलता है.
इसकी प्रक्रिया ऐसी होती है कि इसे संबंधित वार्ड के पार्षद जिसे चाहे, उसे दिलाता है. अभियंता यह भी कहते हैं कि पार्षद प्रेशर देकर 20-30 हजार के काम के लिए भी एक लाख-सवा लाख का इस्टीमेट बनवाता है. अभियंता यह भी कहते हैं कि बड़े कामों पर अधिकारियों की नजरें भी रहती हैं. इसलिए ये छोटे कामों पर फोकस करते हैं. यहां काम मात्र कुछ हजार का होता है, जबकि बिल अधिक बनता है.
पार्षदों की ठेकेदारी के कुछ किस्से
सिटी बस से लेकर निगम के पार्क का संचालन कर रहे पार्षद पति : हरमू रोड से सटे हुए एक वार्ड के पार्षद पति खुलकर निगम में ठेकेदारी कर रहे हैं. हालांकि, कागजों में ये काम किसी दूसरे ठेकेदार को दिया गया है. वर्तमान में इस पार्षद पति द्वारा मोरहाबादी स्थित निगम पार्क व नगर निगम के मॉड्यूलर टॉयलेट की देखरेख का ठेका लिया हुआ है. इस पार्षद पति ने पिछले एक साल से नगर निगम की नयी सिटी बसों का परिचालन भी किया. हालांकि, कागजों में ये बसें किसी दूसरे व्यक्ति को दी गयी थीं.
इस वार्ड में कोई ठेकेदार नहीं करना चाहता काम : हरमू रोड किशोरगंज के समीप के वार्ड के पार्षद मंत्री जी के करीबी हैं. वार्ड में जिस भी योजना के लिए काम निकले, वार्ड के पार्षद ही ठेकेदारों का पेपर लेकर काम प्राप्त करते हैं. निगम के ठेकेदारों की मानें, तो इस वार्ड में अगर हमने गलती से काम हासिल भी कर लिया, तो पार्षद काम करना मुश्किल कर देते हैं. इसलिए हमने इस वार्ड में काम लेना ही छोड़ दिया है.
मैडम को चाहिए पहले ही अपना हिस्सा: रातू रोड से सटे हुए वार्ड की एक मैडम भी माहिर हैं. मैडम की खासियत यह है कि किसी भी ठेकेदार को काम आवंटित होने के साथ ही मैडम का फोन सीधे ठेकेदार के पास चला जाता है. मैडम पहले ही ठेकेदार से कह देती है, पहले माल डाउन करो. उसके बाद ही काम शुरू करना. खबर है कि मैडम के कमीशन की दर पांच प्रतिशत है.
कायम है पतिदेव का जलवा : रातू रोड से सटे हुए इस वार्ड में पार्षद पति का जलवा बरकरार है. कमल फूल को थाम कर रखने वाले पतिदेव अपनी पत्नी के वार्ड में उसी ठेकेदार को काम लेने देते हैं, जिनके साथ इनकी गहरी सांठ-गांठ होती है. वार्ड के लोगों की मानें, तो इस वार्ड में ठेका तो ठेकेदार लेता है, लेकिन सारा काम पतिदेव ही संभालते हैं.
सड़क-नाली में अधिक रुचि है पार्षद की : मेन रोड से सटे हुए इस वार्ड के पार्षद को जनता की समस्याएं दूर करने में ज्यादा रुचि नहीं रहती है. लेकिन, सड़क-नाली के टेंडर की पूरी जानकारी पार्षद महोदय को रहती है. इस महोदय की खासियत यह है कि ये अपने परिजनों को ही ठेका दिलवाने में विश्वास रखते हैं.
कोकर में भी पतिदेव का जलवा : कोकर में भी एक पार्षद पति का ठेकेदारी पर खास ध्यान है. वैसे इस बार ये पार्षद पति चुनावी मैदान में उतरने की पूरी तैयारी कर चुके हैं. पतिदेव की इच्छा है कि पत्नी भी बगल के वार्ड से चुनाव लड़े. कोकर चौक से भी बूटी मोड़ जाने वाली सड़क किनारे भी एक महिला पार्षद हैं. ये भी अपने चहेतों को ठेका दिलाने को लेकर प्रयासरत रहती हैं.
सर्कुलर रोड में भी मैडम का जलवा : मैडम सर्कुलर रोड से सटे हुए वार्ड का प्रतिनिधित्व करती हैं. मैडम दिखने में तो सीधी-सादी हैं. लेकिन, मैडम और उनके पति दोनों को ही ठेकेदारी में बहुत मन लगता है. मैडम की एक सबसे खास बात यह है कि वे अपने चहेते ठेकेदारों को ही वार्ड में काम लेने देती हैं. इसके अलावा कांटाटोली चौक के आसपास भी एक महोदय हैं, जिनकी ठेकेदारी में विशेष रुचि है.

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