झारखंड : एमवी राव को थमायी चिट्ठी, बिना सूचना के मुख्यालय न छोड़ें

रांची : राज्य सरकार के गृह विभाग ने दिल्ली में तैनात विशेष कार्य पदाधिकारी (ओएसडी) आधुनिकीकरण को बिना पूर्व सूचना के मुख्यालय से कहीं भी नहीं जाने का आदेश दिया है. फिलहाल एडीजी एमवी राव इस पद पर दिल्ली में तैनात हैं. इनका दफ्तर झारखंड भवन में है. गृह विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2018 6:31 AM
रांची : राज्य सरकार के गृह विभाग ने दिल्ली में तैनात विशेष कार्य पदाधिकारी (ओएसडी) आधुनिकीकरण को बिना पूर्व सूचना के मुख्यालय से कहीं भी नहीं जाने का आदेश दिया है. फिलहाल एडीजी एमवी राव इस पद पर दिल्ली में तैनात हैं. इनका दफ्तर झारखंड भवन में है.
गृह विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे ने उक्त आदेश की प्रति एमवी राव को अपने दफ्तर में बुला कर मंगलवार (13 फरवरी) को साैंपी. हालांकि पत्र पर आदेश की तिथि 12 फरवरी ही अंकित है. मालूम हो कि एमवी राव गुमला के एसपी रह चुके हैं.
वहीं से जुड़े एक मामले में गवाही देने के लिए 12 फरवरी को ही वह रांची की अदालत में आये थे. इसकी सूचना भी उन्होंने झारखंड पुलिस मुख्यालय को दी थी. पुलिस मुख्यालय की ओर से उन्हें वाहन भी मुहैया कराये गये थे.
आदेश पर उठ रहे सवाल : जानकार बताते हैं कि राज्य सेवा हो अथवा केंद्रीय या फिर कोई और सेवा, यह नियम पहले से है कि संबंधित अधिकारी को पदस्थापन स्थल पर ही रहना है.
अगर वह कहीं आता-जाता है, तो इसकी सूचना अपने सीनियर अधिकारी को देनी होगी. अधिकारी के आदेश के बाद ही वह कहीं आ-जा सकेगा. फिर ऐसा क्या हो गया कि विशेष कार्य पदाधिकारी (ओएसडी) आधुनिकीकरण के पद पर दिल्ली के लिए यह आदेश निकला, क्योंकि पहले भी कई आइएएस और आइपीएस अफसर को दिल्ली के झारखंड भवन में स्थित कार्यालय में तैनात किया गया है. लेकिन इस तरह के आदेश की बात पूर्व में सामने नहीं आयी है.
एमवी राव ने डीजीपी पर आराेप लगाये थे
बकोरिया कांड के मामलेे में एमवी राव ने राज्य सरकार को पत्र लिख कर खुलासा किया था कि डीजीपी डीके पांडेय उन्हें जांच की रफ्तार धीमी करने को कह रहे हैं. मामला प्रकाश में आते ही उन्हें सीआइडी एडीजी से एक महीने में ही विशेष कार्य पदाधिकारी (ओएसडी) आधुनिकीकरण के पद पर दिल्ली भेज दिया गया.
पूर्व मेंं भी 514 युवकों को फर्जी तरीके से सरेंडर कराने से संबंधित रिपोर्ट उन्होंने ही झारखंड रेंज के सीआरपीएफ आइजी के तौर पर तत्कालीन डीजीपी गौरी शंकर रथ को दी थी. एमवी राव 12 फरवरी को रांची में थे. इसी दिन फर्जी सरेंडर वाली खबर मीडिया में आयी. जानकारी के मुताबिक, 12 फरवरी को कोर्ट से निकलने के बाद उन्हें फोन कर गृह सचिव ने कहा कि आकर मिले. मंगलवार को जब वह गृह सचिव से मिलने गये, तो उन्हें पत्र थमा दिया गया.
कोट :
किसी अफसर के मामले में कोई आदेश नहीं निकाला गया है. किसी कार्यालय का आदेश अगर स्पष्ट नहीं रहता है, तो बीच-बीच में कार्यालय के संबंध में सूचना गृह विभाग से निकलती रहती है.
– एसकेजी रहाटे, प्रधान सचिव, गृह विभाग

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