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झारखंड बिजली वितरण निगम के एमडी राहुल पुरवार ने कहा, महंगी होगी बिजली, पर सब्सिडी दे सकती है राहत

रांची : झारखंड बिजली वितरण निगम के एमडी राहुल पुरवार ने कहा है कि राज्य सरकार ने रिसोर्स गैप के रूप में निगम को दी जानेवाली 2400 करोड़ रुपये की सहायता बंद करने का फैसला किया है. रिसोर्स गैप बंद होने का असर झारखंड बिजली वितरण निगम को सौंपे गये टैरिफ याचिका पर पड़ा है. […]

रांची : झारखंड बिजली वितरण निगम के एमडी राहुल पुरवार ने कहा है कि राज्य सरकार ने रिसोर्स गैप के रूप में निगम को दी जानेवाली 2400 करोड़ रुपये की सहायता बंद करने का फैसला किया है. रिसोर्स गैप बंद होने का असर झारखंड बिजली वितरण निगम को सौंपे गये टैरिफ याचिका पर पड़ा है. राष्ट्रीय टैरिफ नीति 2016 का पालन करते हुए याचिका तैयार की गयी है.
नये टैरिफ में निश्चित रूप से बिजली महंगी होगी, लेकिन रिसोर्स गैप के रूप में बंद की गयी राशि बिजली सब्सिडी के रूप में सरकार लोगों तक पहुंचायेगी. सरकार उपभोक्ताओं की श्रेणी के मुताबिक उसे सीधे अनुदान प्रदान करेगी. टैरिफ निर्धारित होने के बाद सरकार अनुदान की सीमा निर्धारित कर सकती है. निगम कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर श्री पुरवार ने कहा : टैरिफ याचिका में उपभोक्ताओं की सभी श्रेणियों के लिए बिजली की दर आपूर्ति की औसत लागत के 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए.
इस वजह से सामान्य घरेलू उपभोक्ता और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए निर्धारित होनेवाली बिजली की दर में चार से छह रुपये तक का ही अंतर होगा. उन्होंने बताया कि ऊर्जा मंत्रालय के निर्देशानुसार प्रस्तावित टैरिफ में मौजूदा आठ श्रेणियों और 31 उपश्रेणियों की जगह केवल पांच श्रेणियां और 13 उपश्रेणियों का निर्धारण किया गया है. यह बिजली बिल समझने और बिलिंग की समस्याओं का समाधान करेगी.
दीपावली तक हर घर में बिजली कनेक्शन
टैरिफ याचिका में राज्य के आदिम जनजातियों के लिए नयी उप श्रेणी निर्धारित की गयी है. दिव्यांगों को बिजली बिल में छूट दी गयी है.
श्री पुरवार ने कहा कि राज्य के सभी गांवों तक बिजली पहुंचा दी गयी है. दीवाली तक राज्य के सभी घरों तक बिजली कनेक्शन भी पहुंचा दिया जायेगा. सभी जगहों पर 100 प्रतिशत मीटरिंग सुनिश्चित करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है. राज्य के 12 लाख अन मीटर्ड कनेक्शन को दिसंबर 2018 तक मीटर्ड कर दिया जायेगा.
बिजली दर में वृद्धि का यह का प्रस्ताव
घरेलू(ग्रामीण)- 6.25 रुपये प्रति यूनिट
घरेलू (शहरी)- 7.00 रुपये प्रति यूनिट
कॉमर्शियल (ग्रामीण)- 6.50 रुपये प्रति यूनिट
कॉमर्शियल(शहरी)- 6.50 रुपये प्रति यूनिट
एलटी डिमांड बेस्ड- 5.50 रुपये प्रति यूनिट
एचटी- 6.00 रुपये प्रति यूनिट
यह है विभिन्न श्रेणी की दर
श्रेणी दर(रुपए प्रति यूनिट)
डीएसवन कुटीर ज्योति मीटर 1.25
डीएसवन मीटर(50-100 यूनिट) 1.25
डीएस वन मीटर(0-100 यूनिट) 1.60
डीएसवन मीटर(201 यूनिट से अधिक) 1.70
डीएस टू(0-100 यूनिट) 3.00
डीएस टू(101 से 200 यूनिट) 3.00
एनडीएस थ्री(0-250 यूनिट) 6.80
एनडीएस थ्री(251-500 यूनिट) 6.80
एनडीएस थ्री(500 यूनिट से अधिक) 6.80
लो टेंशन 5.50
आइएएस(सिंचाई) 0.70
आइएएस टू(सिंचाई) 1.20
हाई टेंशन श्रेणी
11 केवी 6.25
33 केवी 6.25
132 केवी 6.25
हाई टेंशन स्पेशल 11 केवी
4.00
33 केवी 4.00
132 केवी 4.00
रिसोर्स गैप के रूप में दी जानेवाली 2400करोड़ की सहायता बंद करने का फैसला
आठ मार्च से ग्राहकों के लिए नयी सेवा
राहुल पुरवार ने बताया कि शिकायतों का निपटारा करने और ग्राहक सेवा बेहतर करने के लिए सशक्त के नाम पर आठ मार्च काे नयी सेवा शुरू की जायेगी. सशक्त के लिए मैसेज, ई-मेल या सोशल मीडिया पर की गयी शिकायतें एक मंच पर आयेंगी. उन शिकायतों का समाधान कर ऑनलाइन अपडेट भी किया जायेगा. उन्होंने कहा कि निगम राज्य में गुणवत्ता युक्त बिजली की सप्लाई सुनिश्चित कर रहा है.
आधारभूत संरचना पर तेजी से काम चल रहा है. इसी वजह से कई क्षेत्रों की बिजली पूर्व सूचना देकर काटी जा रही है. जून 2018 तक सभी कार्य पूरे करने का प्रयास किया जा रहा है. उसके बाद लोगों को 24 घंटों जीरो पावर कट के साथ बिजली उपलब्ध होगी. यह लक्ष्य पूरा करने के लिए नये ग्रिड और सब स्टेशन निर्माण का काम भी किया जा रहा है.

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