दिल्ली की तर्ज पर झारखंड में भी मिल सकती है बिजली पर सब्सिडी, क्या कैसे सब्सिडी देती है दिल्ली सरकार

रांची : वर्ष 2018-19 के लिए नये टैरिफ निर्धारण के बाद झारखंड सरकार बिजली पर सब्सिडी देगी. बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान करने पर राज्य सरकार 2400 करोड़ रुपये तक खर्च करेगी. ऊर्जा विभाग सब्सिडी के प्रस्ताव पर काम कर रही है. टैरिफ का निर्धारण होने के तुरंत बाद बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी की घोषणा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2018 5:13 AM
रांची : वर्ष 2018-19 के लिए नये टैरिफ निर्धारण के बाद झारखंड सरकार बिजली पर सब्सिडी देगी. बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान करने पर राज्य सरकार 2400 करोड़ रुपये तक खर्च करेगी. ऊर्जा विभाग सब्सिडी के प्रस्ताव पर काम कर रही है. टैरिफ का निर्धारण होने के तुरंत बाद बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी की घोषणा की जायेगी.
सूत्र बताते हैं कि ऊर्जा विभाग दिल्ली की तर्ज पर झारखंड में बिजली पर सब्सिडी प्रदान करने पर विचार कर रही है. दिल्ली में घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 400 यूनिट तक बिजली की खपत सब्सिडी के रूप में दी जाती है. इसके तहत घरेलू उपभोक्ताओं को शून्य से 200 यूनिट बिजली की खपत पर दो रुपये प्रति यूनिट और 201 से 400 यूनिट तक की खपत पर 2.97 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना पड़ता है. 401 यूनिट या अधिक बिजली की खपत पर उपभोक्ताओं को निर्धारित दर पर भुगतान करना पड़ता है.
क्या करती है दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार सब्सिडी पर कुल 1720 करोड़ रुपये खर्च करती है. सरकार उपभोक्ताओं को सब्सिडी की राशि सीधे बैंक खातों में नहीं देती है. सब्सिडी की राशि बिजली कंपनियों के खाते में भेजी जाती है. इसे बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं के बिल से मैनेज करती हैं. उपभोक्ताओं को सब्सिडी का वास्तविक लाभ मिल रहा है या नहीं, इसकी जानकारी के लिए सरकार बिजली कंपनियों का किसी स्वतंत्र एजेंसी से विशेष ऑडिट कराती रहती है.
क्या होगा झारखंड में
झारखंड में सब्सिडी के बहाने लोगों को बिजली बचाने के लिए भी प्रेरित किया जायेगा. ऊर्जा विभाग सब्सिडी का स्लैब निर्धारित करते समय बिजली की न्यूनतम खपत की सीमा पर ध्यान देगा.
सूत्र बताते हैं कि निर्धारित की जाने वाली सब्सिडी की सीमा सभी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए सामान रूप से लागू होंगी. एसी का इस्तेमाल नहीं करने वाले एक मध्यमवर्गीय परिवार का बिजली बिल पूरी तरह से निर्धारित की जाने वाली सब्सिडी के दायरे में होगा. वहीं, एसी का इस्तेमाल करने वाले उच्च मध्यमवर्गीय परिवार को भी केवल सब्सिडी के दायरे से अधिक इस्तेमाल की जाने वाली बिजली के लिए ही बाजार दर पर भुगतान करना होगा.

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