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झारखंड :स्कूलों के विलय के बाद भी बनी रहेगी पारा शिक्षकों की सेवा
रांची : विद्यालयों का विलय शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ाने के उद्देश्य से किया जा रहा है. राज्य में कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षक कम हैं. वहीं कई विद्यालयों में छात्र अनुपात में शिक्षक अधिक हैं. दस से 15 नामांकित बच्चों के लिए विद्यालय संचालित है, जबकि एक किलाेमीटर में […]
रांची : विद्यालयों का विलय शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ाने के उद्देश्य से किया जा रहा है. राज्य में कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षक कम हैं. वहीं कई विद्यालयों में छात्र अनुपात में शिक्षक अधिक हैं. दस से 15 नामांकित बच्चों के लिए विद्यालय संचालित है, जबकि एक किलाेमीटर में दूसरा विद्यालय है. ऐसे में विद्यालयों के विलय से जिन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, वहां छात्र अनुपात में शिक्षकों का पदस्थापन हो सकेगा.
ये बातें स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव एपी सिंह ने शुक्रवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान कही. शिक्षा सचिव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे अपने जिले में यह बात बतायें कि विद्यालय के विलय से किसी भी पारा शिक्षक या रसोइया की सेवा समाप्त नहीं होगी. विद्यालयों के विलय का निर्णय भी जिला प्रारंभिक शिक्षा समिति द्वारा लिया जायेगा. शिक्षा सचिव ने कक्षा आठ की बोर्ड परीक्षा की जिलावार तैयारी की समीक्षा की.
सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को परीक्षा का संचालन सुचारु रूप से कराने का निर्देश दिया. कक्षा आठ की बोर्ड परीक्षा 20 फरवरी से शुरू होगी. परीक्षा से लेकर उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन तक की पूरी तैयारी का निर्देश दिया. उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन प्रखंड स्तर पर होगा. शिक्षा सचिव ने इसके अलावा विभाग द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न योजनाओं की स्थिति की भी जानकारी ली.
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