झारखंड : एचइसी को बेचने की अटकलों पर विराम लगे, पुनरुद्धार के उपाय करे सरकार : महेश पोद्दार

रांची : राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते से यथाशीघ्र एचइसी को निजी कंपनियों को सौंपे या बेचे जाने से संबंधित मामले में वस्तुस्थिति और सरकार की भावी योजना सार्वजनिक कर इससे जुड़ी चर्चाओं पर विराम लगाने का आग्रह किया है. श्री पोद्दार ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर कहा है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2018 6:04 AM
रांची : राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते से यथाशीघ्र एचइसी को निजी कंपनियों को सौंपे या बेचे जाने से संबंधित मामले में वस्तुस्थिति और सरकार की भावी योजना सार्वजनिक कर इससे जुड़ी चर्चाओं पर विराम लगाने का आग्रह किया है. श्री पोद्दार ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि भारत सरकार इस संस्थान की रोजगार देने की क्षमता, औद्योगिक उत्पादन का समृद्ध अनुभव और भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए इसके पुनरुद्धार के लिए आवश्यक कार्रवाई करे.
श्री पोद्दार ने अपने पत्र में कहा है कि पिछले कुछ दिनों से एचइसी को निजी कंपनियों को सौंपे जाने की चर्चा के बाद श्रमिकों, स्थानीय निवासियों व राजनीतिक संगठनों से जुड़े कई समूह आंदोलित हैं. जल्द इस मामले में स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए, जिससे अटकलों पर विराम लग सके. श्री पोद्दार ने कहा है कि एचइसी की टीमें कई देशों का भ्रमण करके लौटी हैं. कई नयी-नयी कंपनियों के लिए नये-नये प्रोडक्ट के उत्पादन की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं और इन प्रयासों को सफलताएं मिलती दिख भी रही हैं.
उन्होंने कह कि एचइसी की स्थापना 1960 के दशक में हुई थी. इस संयंत्र की डिजाइन, तकनीक, मशीनें आदि उस वक्त की जरूरतों के अनुरूप ही हैं, लेकिन पिछले 5-6 दशकों में काफी चीजें बदली हैं. उत्पाद की गुणवत्ता महत्वपूर्ण हो गयी है, प्रतियोगिता बढ़ गयी है और उत्पादन आपूर्ति के लिए समय भी बहुत कम दिया जाता है. इसलिए एचइसी में आधुनिकीकरण जरूरी है.
एचइसी ने समय-समय पर अपनी दक्षता प्रमाणित की है
राज्यसभा सदस्य ने कहा है कि एचइसी ने समय-समय पर विभिन्न रक्षा उपकरणों का निर्माण कर इस क्षेत्र में अपनी दक्षता प्रमाणित की है. रक्षा उपकरणों के निर्माण के मामले में एचइसी प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया अभियान को गति देने में सहायक सिद्ध हो सकता है. नीतिगत रूप से भी रक्षा एवं अन्य विशेष उपकरणों के निर्माण के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ही ज्यादा उपयुक्त हो सकते हैं.
एचइसी के बारे में नीति आयोग की राय भी सकारात्मक
श्री पोद्दार ने कहा कि नीति आयोग ने भी एचइसी की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं का अध्ययन किया है. नीति आयोग की राय भी एचइसी के बारे में सकारात्मक ही है.
एचइसी प्रबंधन ने पुनरुद्धार के लिए 2300 करोड़ रुपये का पैकेज मांगा है. एचइसी के पास जितना बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर है, उसके अनुरूप यदि ठोस कार्ययोजना हो, तो यह निवेश करना उचित प्रतीत होता है. उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में एचइसी की कार्यसंस्कृति सकारात्मक दिशा में बदली है.

Next Article

Exit mobile version