नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा 80 की उम्र में नयी पारी खेलने को तैयार हैं. उन्होंने राजनीतिक मंच बनाया,जिसे ‘राष्ट्रीय मंच’ का नाम दिया है. इस मंच से कई पार्टियों से नाराज और दिग्गज नेता जुड़े. शत्रुघ्न सिन्हा, बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष वअसंतुष्ट जदयूनेता उदय नारायण चौधरी, पवन कुमार वर्मा समेत कई लोग साथ आ गये हैं. अब रविवार को उदय नारायण चौधरी ने दिग्गज वाम नेता सोमनाथ चटर्जी से मुलाकात की है, जिसके बाद यह संभावना तलाशी जा रही है कि क्या यशवंत सिन्हा की मुहिम को सोमनाथ चटर्जी का साथ मिलेगा.
अलग-अलग पार्टी के नेताओं ने बीते दिनों साथ खड़ा होकर इन लोगों ने मौजूदा सरकार की नीतियों से नाराजगी जतायी थी. अब यह मंच 23 फरवरी को दिल्ली में किसानों के हक की आवाज बुलंद करेगा. यह एक संकेत होगा कि विपक्ष के अलावा भी एक गुट है जो सरकार की नीतियों पर विरोध करता है. इस मंच की चर्चा सिर्फ सरकार के विरोध के लिये नहीं हो रही है. चर्चा इसके और मजबूत होने पर है. खबर है कि राष्ट्रीय मंच के लोग दूसरी पार्टी के लोगों से मिलकर इसे और मजबूत बना रहे हैं.
सोमनाथ दा से चौधरी के मुलाकात के मायने
इस कड़ी में एक मुलाकात रविवार को उदय नारायण चौधरी औरपूर्व लोकसभास्पीकर सोमनाथ चटर्जी की कोलकाता में हुई. रविवार को उदय नारायण चौधरी ने लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष व वयोवृद्धवामनेता सोमनाथ चटर्जी से उनके आवास पर मुलाकात की. इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हुई है कि यह कोशिश सोमनाथदा को साथ लाने की और उनका नैतिक समर्थन हासिल करने का है. मंच खुद को मजबूत करने की कोशिश में लगा हैऔरदिग्गज बुजुर्गयाउपेक्षित नेताओं को एक साथ लाने की कोशिश कर रहा है. सोमनाथ के संदेश को उनके इस मंच के समर्थन के रूप में देखा जा रहा है. मुलाकात के दौरान चटर्जी ने चौधरी से आह्वान किया कि देश को बचाइये. उदय नारायण चौधरी वंचित वर्ग मोर्चा बना कर सक्रिय हैं और पिछले दिनों वे बापू की पुण्यतिथि के दिन राजघाट साथ श्रद्धांजलि देने गये थे.
विरोध पर कार्रवाई नहीं
यशवंत सिन्हा सरकार की नीतियों के खिलाफ खुलकर बयान देते हैं. शत्रुघ्न सिन्हा अपने विचारों को मीडिया के सामने रखते रहे हैं. भाजपा केदो प्रमुख नेता जो पार्टी के कई फैसलों से असहमति जता चुके हैं पार्टी में हैं. इस विरोध के बाद भी पार्टी इन दोनों पर कोई फैसला नहीं ले रही है1