झारखंड : ED ने IAS डॉ प्रदीप कुमार की 10 करोड़ रुपये की संपत्ति की जब्त, जानें कैसे आये मनी लाउंड्रिंग के दायरे में

रांची/पटना : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) पटना की टीम ने मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत झारखंड कैडर के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी डॉ प्रदीप कुमार और उनके करीबियों की रांची, उदयपुर, कोलकाता और बेंगलुरु की संपत्ति जब्त कर ली है. इन संपत्ति का रजिस्ट्री मूल्य करीब दो करोड़ रुपये है. जबकि बाजार मूल्य 10 करोड़ रुपये बतायी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2018 6:19 AM
रांची/पटना : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) पटना की टीम ने मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत झारखंड कैडर के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी डॉ प्रदीप कुमार और उनके करीबियों की रांची, उदयपुर, कोलकाता और बेंगलुरु की संपत्ति जब्त कर ली है. इन संपत्ति का रजिस्ट्री मूल्य करीब दो करोड़ रुपये है. जबकि बाजार मूल्य 10 करोड़ रुपये बतायी जाती है. झारखंड में पहली बार किसी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की संपत्ति जब्त मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत जब्त की गयी है. डॉ प्रदीप कुमार ने अपने अलावा भाई समेत अन्य परिजनों के नाम पर संपत्ति अर्जित की थी.
कैसे आये मनी लाउंड्रिंग के दायरे में
प्रवर्तन निदेशालय ने जांच में पाया गया था कि डॉ प्रदीप कुमार ने अपने भाई राजेंद्र कुमार, सीए नीरज केजरीवाल, दो व्यापारी श्यामल चक्रवर्ती आैर धर्मेंद्र कुमार धीरज के साथ मिलीभगत कर मनी लाउंड्रिंग की. डॉ प्रदीप से काम कराने के एवज में श्यामल चक्रवर्ती ही रिश्वत की वसूली करता था. उस राशि को चल-अचल संपत्ति में निवेश करता था. डॉ प्रदीप ने रिटर्न फाइल करने के लिए एचयूएफ (हिंदू अनडिवायडेड फैमिली) बनाया. इसका सर्वेसर्वा अपने छोटे भाई राजेंद्र कुमार को बना दिया. इसके बाद एचयूएफ के माध्यम से फिक्स्ड डिपोजिट, इंदिरा विकास पत्र और किसान विकास पत्र में निवेश किया. श्यामल चक्रवर्ती और राजेंद्र ने पार्टनरशिप में एक फाॅर्म मेसर्स एसअार इंटर पार्टनर बनाया. इसके जरिये डॉ प्रदीप कुमार ने रिश्वत की राशि का निवेश किया.
सीबीआइ ने इन धाराओं में दर्ज किया था मामला
सीबीआइ ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में हुए घोटाले में डॉ प्रदीप कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 15 और आइपीसी की धारा 120बी, 420, 467 और 471 के तहत रांची में मामला दर्ज किया था. कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें कहा था कि आइएएस डॉक्टर प्रदीप कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग कर सरकारी राशि का गबन किया. साथ ही आय से अधिक संपत्ति भी अर्जित की. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी डॉ प्रदीप कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी.
रांची व पटना में रह चुके हैं डीसी
डॉ प्रदीप कुमार 1991 बैच के आइएएस अधिकारी हैं. वह एकीकृत बिहार में पटना के डीसी रह चुके हैं. इसके अलावा वह रांची के डीसी भी रहे हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में हुए घोटाले में डॉ कुमार को रांची के बिरसा केंद्रीय कारा में भी लंबे समय तक रहना पड़ा था.
क्या-क्या हुआ जब्त
डॉ प्रदीप कुमार का रांची के मेयर्स रोड स्थित फ्लैट
राजस्थान के उदयपुर स्थित घर
भाई राजेंद्र कुमार के नाम पर बेंगलुरु में 4000 स्क्वाॅयर फीट का प्लॉट
भाई के नाम उदयपुर में 1650 स्क्वाॅयर फीट जमीन पर बना दो मंजिला घर
नंदलाल (एचयूएफ) और श्यामल चक्रवर्ती के नाम पर कोलकाता में खरीदे गये फ्लैट
नंदलाल के नाम पर करीब 43 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपोजिट और बैंक खातों में जमा करीब 40 लाख रुपये

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