झारखंड के आइएएस प्रदीप कुमार पर गूगल सर्च में मिलती है ऐसी जानकारी…सीबीआइ, इडी

रांची : झारखंड के आइएएस अफसर प्रदीप कुमार की 10 करोड़ की संपत्ति मनी लाउंड्रिंग एक्ट 2002 के तहतजब्त कर ली गयी है. प्रदीप कुमार अभी झारखंड के संताल परगना के कमिश्नर हैं. प्रदीप कुमार मूल रूप से 1991 बैच के आइएएस अफसर हैं. जब बिहार का पुनर्गठन हुआ तो उन्होंने झारखंड कैडर ले लिया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2018 10:31 AM

रांची : झारखंड के आइएएस अफसर प्रदीप कुमार की 10 करोड़ की संपत्ति मनी लाउंड्रिंग एक्ट 2002 के तहतजब्त कर ली गयी है. प्रदीप कुमार अभी झारखंड के संताल परगना के कमिश्नर हैं. प्रदीप कुमार मूल रूप से 1991 बैच के आइएएस अफसर हैं. जब बिहार का पुनर्गठन हुआ तो उन्होंने झारखंड कैडर ले लिया.

प्रदीप कुमार पटना के 1998 में पटना के डीएम रहे हैं और झारखंड में कई अहम पदों पर रहे हैं. प्रदीप कुमारस्वर्गीय नंद लाल के बेटे हैं. 11 जुलाई 1958 को जन्मे प्रदीप कुमार पर भ्रष्टाचार का यह कोई पहला मामला नहीं है. उनके खिलाफ पहले भी सीबीआइ जांच हुई है और सीबीआइ ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन घोटाले में उन पर सीबीआइ ने चार्जशीट दायर किया था और इस मामले में उन्हें जेल में भी रहना पड़ा. वे झारखंड के स्वास्थ्य सचिव सहित कई अहम पदों पर रहे हैं.

प्रदीप कुमार के साथ उनके अविवाहित छोटे भाई राजेंद्र कुमार एक बिचौलिया श्यामल चक्रवर्ती के नाम की संपत्ति भी जब्त की गयी है. 43 लाख की फिक्स डिपॉजिट एवं 40 लाख का बैंक डिपॉजिट भी जब्त की गयी है. रांची,कोलकाता, उदयपुर व बेंगलुरु में संपत्तियां जब्त की गयी है.

स्थिति यह है कि गूगल में प्रदीप कुमार, 1991 बैच आइएएस अफसर, झारखंड कैडर सर्च करने पर उनकी उपलब्धियों की सूचनाएं या दस्तावेज लगभग नहीं मिलती हैं. केस-मुकदमे, सीबीआइ जांच, इडी कार्रवाई के बारे में जानकारियां जरूर मिलती हैं.

हमारे दुमका संवाददाता ने बताया कि कल इडी की छापेमारी के बाद जब मीडिया उनके दुमका आवास पहुंचा तो पता चला कि वे यहां चार-पांच दिनों से नहीं हैं. कुछ अन्य विभागों का प्रभार होने के कारण वे दुमका में प्रत्यक्ष तौर पर कम ही समय देते पाते हैं, हालांकि मीटिंग व अन्य महत्वपूर्ण मौकों पर उपस्थित रहते हैं.

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