स्टेट कंसल्टेशन ऑन ओडीएफ सस्टेनेबिलिटी स्ट्रेटेजी विषय पर कार्यशाला
रांची : झारखंड को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जायेगा. समाज के हर तबके को इस अभियान से जोड़ा जायेगा, ताकि जहां शौचालय बन गये हैं वहां के लोग शौचालय का इस्तेमाल कर सकें. जून तक झारखंड के सभी गांव खुले में शौच से मुक्त हो जायेंगे.
यह बातें पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने कहीं. वह मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से स्टेट कंसल्टेशन ऑन ओडीएफ सस्टेनेबिलिटी स्ट्रेटेजी विषय पर रांची स्थित होटल बीएनआर में राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रही थी.
कार्यशाला में स्वच्छ भारत मिशन के निदेशक राजेश शर्मा, यूनिसेफ के जल व स्वच्छता विभाग के चीफ निकोलस, यूनिसेफ की राज्य प्रमुख डॉक्टर मधुलिका जोनाथन, रिटायर्ड आइएएस डॉ एमएन रॉय के साथ-साथ प्रदेश के कई आला अधिकारी, छह जिलों के उपायुक्त तथा नौ जिलों के उप विकास आयुक्त कार्यक्रम में शामिल थे.
स्वच्छ भारत मिशन के निदेशक राजेश कुमार शर्मा ने प्रदेश में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के सर्वाधिक उपयुक्त मॉडल पर विचार रखे एवं सभी की सहभागिता से ठोस एवं तरल अपशिष्ट का प्रबंधन करने की सलाह दी. मौके पर यूनिसेफ के अधिकारियों ने भारत में यूनिसेफ द्वारा ओडीएफ सस्टेनेबिलिटी पर चलाये जा रहे कार्यक्रम के कई उदाहरण पेश किये.
अधिकारियों ने झारखंड के परिपेक्ष्य में उपर्युक्त मॉडल से सभी को परिचित कराया और विदेशों में भी कई जगहों पर चल रहे मॉडल की चर्चा की. पूर्व आइएएस अधिकारी डॉक्टर एमएन रॉय ने कहा कि ओडीएफ और ओडीएफ के अतिरिक्त चलायी जा रही गतिविधियों का अनुश्रवण एवं निगरानी विषय पर प्रतिभागियों को अपने विचारों से अवगत करायें.