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झारखंड : राज्य के अस्पतालों में 306 दिन में हो गये 39,148 सिजेरियन, 27768 महिलाओं का घर में हुआ प्रसव
II राजीव पांडेय II रांची : राज्य के निजी और सरकारी अस्पतालों में सिजेरियन प्रसव की संख्या बढ़ रही है. नेशनल हेल्थ मिशन के आंकड़े की मानें, तो झारखंड में अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 तक सरकारी व निजी अस्पतालों में 39148 सिजेरियन प्रसव हुए हैं. सबसे ज्यादा सिजेरियन का मामला धनबाद में आया है, […]
II राजीव पांडेय II
रांची : राज्य के निजी और सरकारी अस्पतालों में सिजेरियन प्रसव की संख्या बढ़ रही है. नेशनल हेल्थ मिशन के आंकड़े की मानें, तो झारखंड में अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 तक सरकारी व निजी अस्पतालों में 39148 सिजेरियन प्रसव हुए हैं.
सबसे ज्यादा सिजेरियन का मामला धनबाद में आया है, जहां 6,498 सिजेरियन प्रसव कराये गये हैं. इसके बाद पूर्वी सिंहभूम में 6311, राजधानी रांची के सरकारी व निजी अस्पतालों में 5560 और गिरिडीह में 3883 सिजेरियन प्रसव कराये गये हैं. सबसे कम सिजेरियन प्रसव लातेहार में 63 हुआ है. ये भी सरकारी अस्पतालों में ही कराये गये हैं.
अगर निजी अस्पतालों की बात की जाये, तो अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 तक 26761 सिजेरियन किये गये. इसमें धनबाद में 5056 सिजेरियन निजी अस्पतालों में किया गया. वहीं, पूर्वी सिंहभूम में 4499 व रांची के निजी अस्पतालों में 1884 सिजेरियन किया गया. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि निजी अस्पतालों द्वारा सिजेरियन का आंकड़ा कम बताया जाता है. अगर सही आंकड़ा दिया जाये, तो सिजेरियन का आंकड़ा बढ़ जायेगा.
रिम्स और सदर में पिछले साल हुए 4845 सिजेरियन प्रसव
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में वर्ष 2017 में 2926 महिलाओं का सिजेरियन प्रसव कराया गया है. वहीं सदर अस्पताल रांची में पिछले साल 1919 महिलाओं का सिजेरियन किया गया. हालांकि, सदर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि सिजेरियन की संख्या इसलिए भी बढ़ी हैं क्योंकि निजी अस्पताल में ज्यादा पैसा बताने के कारण परिजन सदर अस्पताल लेकर आ जाते हैं.
27768 महिलाओं का घर में हुआ प्रसव
राज्य मेंं संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के बावजूद घर में प्रसव कम नहीं हो रहा है. एनएचएम के आंकड़ों की मानें पिछले साल 27768 महिलाओं का प्रसव घर में ही हुआ. सबसे ज्यादा घर में महिलाओं के प्रसव का मामला गिरिडीह में आया है.
यहां 2828 महिलाओं का प्रसव घर में हुआ है. दूसरे स्थान पर चतरा है, जहां 2627 महिलाओं का प्रसव घर में हुआ. वहीं तीसरे स्थान पर पाकुड़ है, जहां 2553 प्रसव घर में हुए. जबकि चौथे स्थान पश्चिमी सिंहभूम है, जहां 235 महिलाओं का प्रसव घर में ही कराया गया है.
5.55 लाख गर्भवती महिलाओं की जांच
अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 तक के आंकड़े
सबसे ज्यादा गिरिडीह जिला में हुई जांच
रांची : राज्य के सभी जिलों में अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 तक 5,55,783 गर्भवती महिलाओं की जांच की गयी है. जांच के बाद आयरन व फोलिक एसिड की दवा भी दी गयी. नेशनल हेल्थ मिशन के आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा गिरिडीह जिला में 49,187 गर्भवती महिलाओं की जांच हुई. इसके बाद हजारीबाग में 44,745, पलामू में 40,045, पूर्वी सिंहभूम में 35,092 व रांची में 34,645 गर्भवती महिलाओं की जांच की गयी. सबसे कम गुमला जिला में 3,038 गर्भवती महिलाओं की जांच की गयी. इसके बाद लातेहार में 5,321 व खूंटी में 8,228 की जांच की गयी. पिछले साल की तुलना में गर्भवती महिलाओं की जांच के आंकड़ों में वृद्धि हो रही है. एएनएम व सहिया द्वारा गर्भवती महिलाओं को चिह्नित कर स्वास्थ्य केंद्रों में नियमित जांच करायी जा रही है.
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