शेल कंपनियों में बिहार-झारखंड के लोगों के 1000 करोड़ से अधिक, 114 करदाताओं पर मुकदमा
आयकर विभाग ने दी है जानकारी विशेष संवाददाता रांची : झारखंड और बिहार के लोगों ने 3500 शेल कंपनियों में 1000 करोड़ रुपये से अधिक लगा रखा है. एक-एक कंपनी में न्यूनतम 10 लाख और अधिकतम 50 करोड़ तक लगा है. इन लोगों और कंपनियों की पहचान कर उन्हें नोटिस भेजा गया है. इनमें 25 […]
आयकर विभाग ने दी है जानकारी
विशेष संवाददाता
रांची : झारखंड और बिहार के लोगों ने 3500 शेल कंपनियों में 1000 करोड़ रुपये से अधिक लगा रखा है. एक-एक कंपनी में न्यूनतम 10 लाख और अधिकतम 50 करोड़ तक लगा है. इन लोगों और कंपनियों की पहचान कर उन्हें नोटिस भेजा गया है. इनमें 25 प्रतिशत ने ही नोटिस का जवाब दिया है.
जांच में अधिकतर कंपनियों के जवाब संदेहास्पद पाये गये हैं. जिन कंपनियों और निवेशकों के जवाब गलत होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. आयकर विभाग के झारखंड-बिहार के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर कैलाश चंद घुमरिया ने इसकी जानकारी दी. वह गुरुवार को आयकर विभाग के कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
नोटबंदी में अधिक राशि जमा करनेवालों को नोटिस : उन्होंने बताया, नोटबंदी के दौरान बिहार-झारखंड में 104 लोगों ने खाते में एक-एक करोड़ रुपये से अधिक जमा किये हैं. 1815 लोगों ने एक-एक करोड़ रुपये से कम जमा कराये हैं.
10 हजार लोगों ने अपने खाते में 10-10 लाख रुपये या उससे कुछ अधिक राशि जमा करायी है. इन सभी को नोटिस जारी किया गया है. इन लोगों से जमा करायी गयी नकद राशि के स्रोत आदि की जानकारी मांगी गयी है. विभागीय अधिकारी जवाब की समीक्षा कर उचित कार्रवाई कर रहे हैं.
गलत कृषि आय बतानेवालों पर भी कार्रवाई : उन्होंने कहा : आयकर विभाग ने टैक्स चोरी करने के उद्देश्य से अपनी आमदनी को कृषि आय बतानेवालों पर भी कार्रवाई की है. पांच लाख से अधिक कृषि आय बतानेवालों की जांच की गयी.
पहली नजर में इस तरह के 400 लोगों के ब्योरे संदेहास्पद पाये गये. इन्हें नोटिस जारी किया गया है. जमीन आदि का विस्तृत ब्योरा मांगा गया है. इनके जवाब की समीक्षा की जायेगी. जवाब गलत पाये जाने पर सख्त कार्रवाई होगी.
कोयला व आयरन ओर व्यापार में टैक्स की गड़बड़ी
कैलाश चंद घुमरिया ने कहा : झारखंड में कोयला और आयरन ओर के टैक्स में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है. विभिन्न प्रकार की कंपनियां फार्म 27 सी का गलत इस्तेमाल कर रही हैं.
इस तरह की 100 से अधिक कंपनियां सक्रिय हैं. हालांकि उन्होंने कंपनियों के नाम बताने से इनकार कर दिया. उन्होंने बताया : सीसीएल और बीसीसीएल से फार्म 27 सी के सहारे निजी उपयोग के नाम पर कोयला लिया जा रहा है. सस्ती दर पर मिले कोयले को खुला बाजार में बेचा जा रहा है.
आयरन ओर के मामले में भी दर्जन भर कंपनियों को लिप्त पाया गया है. फार्म 27 सी के इस्तेमाल की जांच की जिम्मेवारी कोयला या आयरन ओर देनेवाली कंपनियों की है. पर ये कंपनियां इसकी जांच नहीं कर रही है. आयकर विभाग ने इस तरह के मामले में सीसीएल से 106 करोड़ और बीसीसीएल से छह करोड़ रुपये की वसूली की है.
डेवलपमेंट एग्रीमेंट पर टैक्स नहीं दे रहे हैं
डेवलपमेंट एग्रीमेंट की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा : इस तरह के मामलों में 99 प्रतिशत टैक्स नहीं दे रहे हैं. नियमानुसार उन्हें लांग टर्म कैपिटल गेन मद में टैक्स देना है.
बिहार में करीब एक हजार लोगों को चिह्नित किया गया है, जिन्होंने अपनी जमीन बिल्डरों को दी. बदले में जमीन पर बने फ्लैट और दुकानों में हिस्सा लिया. पर सरकार को इसका टैक्स नहीं दिया. इन लोगों को नोटिस जारी किया गया है. झारखंड में भी डेवलपमेंट एग्रीमेंट करनेवालों की तलाश की जा रही है. टैक्स नहीं देनेवालों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की जायेगी.
114 करदाताओं के खिलाफ मुकदमा
उन्होंने कहा : आयकर विभाग में टीडीएस और टीसीएस में गड़बड़ी करनेवाले 114 करदाताओं के खिलाफ मुकदमा किया है. टीडीएस में गड़बड़ी करनेवाले 98 के खिलाफ आयकर की धारा 276 बी के खिलाफ मुकदमा किया गया है.
16 करदाताओं के खिलाफ आयकर की धारा 276 सीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. आयकर विभाग ने टैक्स चोरी की सूचनाओं के आधार पर कुल 223 सर्वे किया. इसमें से असेसिंग आफिसर ने 158 सर्वे किया. 65 सर्वे टीडीएस सर्किल से किया गया.
5000 करोड़ रुपये से पीछे है टैक्स वसूली का लक्ष्य
3500 शेल कंपनियों में लगायी है राशि
10 लाख न्यूनतम और अधिकतम 50 करोड़ तक जमा िकये एक-एक कंपनी में
104 लोगों ने जमा कराये एक-एक करोड़ रुपये से अधिक नोटबंदी के दौरान
10 हजार लोगों ने 10-10 लाख या उससे कुछ अधिक राशि जमा करायी
400 वैसे लोगों को भेजा गया है नोटिस, जिन्होंने फर्जी कृषि आय बतायी है
100 से अधिक कंपनियां फार्म 27 सी का कर रही गलत इस्तेमाल