रांची : झारखंड में राज्यसभा चुनाव ने एक नया राजनीतिक चैप्टर खोल दिया है़ राज्यसभा की एक सीट कांग्रेस को देकर झामुमो ने दूर की गोटी चली है. झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने गठबंधन में अपने को प्रोजेक्ट करा लिया है. चुनावी राजनीति में फिलहाल पस्त कांग्रेस ने भी कमान झामुमो आसानी से सौंप दिया.
इधर, झामुमो ने इस सियासी दांव-पेंच में बाबूलाल मरांडी का भी रास्ता काट दिया. बाबूलाल को बैक फुट पर भेज दिया है. प्रदेश की राजनीति में हेमंत यह संदेश देने में सफल रहे है कि वह यूपीए के नेता है. इधर, झाविमो भी अपनी साख बचाने के लिए गठबंधन के पक्ष में है, लेकिन हेमंत को प्रोजेक्ट कर चुनाव लड़ने परहेज कर रहा है.
झाविमो के अंदरखाने कि बात यह है कि झामुमो के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का मतलब है, बाबूलाल का राजनीतिक कद घटेगा. लिहाजा, बाबूलाल अभी वेट एंड वॉच के मूड में है. वह खुल कर झामुमो के खिलाफ या गठबंधन के वर्तमान खाका पर सवाल नहीं उठाने से परहेज कर रहे है.
कांग्रेस का एक खेमा बाबूलाल को भी लेकर चलना चाहता है
कांग्रेस आलाकमान के एक खेमा से बाबूलाल मरांडी के बेहतर रिश्ते है़ं ऐसे में माना जा रहा है कि गठबंधन में कांग्रेस के कई नेता बाबूलाल को भी लेकर चलना चाहते है. लेकिन इसके साथ ही कांग्रेस को मजबूत कड़ी की भी जरूरत है. बाबूलाल को आगे करने पर झामुमो बिदक सकता है. ऐसे में झामुमो पहली पसंद है. वर्तमान राजनीतिक हालात के बीच कांग्रेस आलाकमान के साथ बाबूलाल की बातचीत हो सकती है. गठबंधन को अंतिम रूप देने से पहले झाविमो से भी बात बढ़ सकती है.
कल झामुमो विधायक दल की बैठक में राज्यसभा चुनाव पर होगी चर्चा
झामुमो विधायक दल की बैठक 10 मार्च को पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन के आवास पर बुलायी गयी है़ बैठक में वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा होगी. पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि राज्यसभा चुनाव में पार्टी के स्टैंड, नगर निकाय चुनाव व आनेवाले लोकसभा व विधानसभा चुनाव को लेकर विचार-विमर्श होगा. पिछले दिनों पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी. कांग्रेस ने झामुमो से राज्यसभा की सीट मांगी है़ वहीं हेमंत सोरेन के नेतृत्व में अगला चुनाव लड़ने की बात पर सहमति बनी है.