चुनाव लड़ने के लिए तीसरा बच्चा रिश्तेदार को गोद देने की तैयारी में पूर्व पार्षद व उनकी पत्नी

रांची : नगर निकाय का चुनाव को लेकर राज्य सरकार ने नया नियम बनाया है. इसके तहत नौ फरवरी 2013 के बाद अगर किसी व्यक्ति का तीसरा बच्चा होता है, तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता है. इस नियम की वजह से एक वर्तमान पार्षद व पूर्व पार्षद की नींद उड़ गयी है. पूर्व पार्षद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2018 9:44 AM
रांची : नगर निकाय का चुनाव को लेकर राज्य सरकार ने नया नियम बनाया है. इसके तहत नौ फरवरी 2013 के बाद अगर किसी व्यक्ति का तीसरा बच्चा होता है, तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता है. इस नियम की वजह से एक वर्तमान पार्षद व पूर्व पार्षद की नींद उड़ गयी है.
पूर्व पार्षद की पत्नी वर्तमान में पार्षद हैं. वर्ष 2017 में ही उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया है, जो इन दोनों का तीसरा बच्चा है. लेकिन वार्ड पार्षद का दिल है कि मान नहीं रहा है. वे अपने समर्थकों से भी कह रहे हैं कि चुनाव की तैयारी करो. बच्चा कितना हुआ है, इसकी चिंता नहीं करना है.
चुनाव तो हम लड़बे करेंगे. चाहे इसके लिए हमें अपने बच्चे को किसी परिजन को सौंपना ही क्यों न पड़े. खबर तो यह भी है कि पार्षद महोदय एफिडेविट के माध्यम से नामांकन के दौरान यह सूचना भी देने की तैयारी कर चुके हैं कि उन्होंने अपने बच्चे को भाई या बहन को गोद दे दिया है.
ऐसा भी कहीं होता है क्या?
वर्ष 2008 के नगर निकाय चुनाव में वार्ड नंबर-4 से हुस्ना आरा विजयी रहीं. वर्ष 2013 में जब दोबारा निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हुई, तो सरकार ने यह शर्त रखी कि जिस व्यक्ति का नाम जिस वार्ड के वोटर लिस्ट में होगा, वह उसी वार्ड से चुनाव लड़ सकेगा. वर्ष 2013 के चुनाव में श्रीमती आरा का नाम वार्ड नंबर-5 के वोटर लिस्ट में था.
श्रीमती आरा फिर तन-मन-धन लगाकर वार्ड पांच से चुनावी मैदान में उतरीं. इस चुनाव में भी उन्होंने विजयी पताका फहराया. इस बार फिर से सरकार ने नये सिरे से वार्डों का परिसीमन किया, लेकिन इस बार वार्ड पांच आरक्षण के तहत एससी के लिए आरक्षित हो गया. इसलिए एक बार फिर से श्रीमती आरा वार्ड नंबर-4 से चुनावी मैदान में उतर रही हैं. हर पांच वर्षों में बदल रहे इस व्यवस्था पर श्रीमती आरा सवाल उठाती हैं कि क्या किसी विधानसभा व लोकसभा में इस प्रकार का नियम राज्य सरकार लागू करेगी? आखिर क्यों रांची नगर निगम को एक प्रयोगशाला बनाकर रख दिया गया है?
इसलिए लिया है फैसला
राज्य सरकार ने इस बार नगर निकाय चुनाव के लिए बनाया है नया नियम
नौ फरवरी 2013 के बाद तीसरा बच्चा हुआ, तो नहीं लड़ पायेंगे चुनाव

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