रांची : जानें पूरा मामला क्यों चारा घोटाला कांड में अंजनी, दुबे व अन्य को आरोपी बनाने पर हाईकोर्ट ने लगायी रोक
रांची : हाइकोर्ट ने चारा घोटाले (कांड संख्या आरसी 38ए/96) में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत की ओर से जारी नोटिस पर एक माह तक के लिए रोक लगा दी है. विशेष न्यायाधीश की अदालत ने बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पूर्व वित्त सचिव (पूर्व मुख्य सचिव भी) वीएस दुबे, […]
रांची : हाइकोर्ट ने चारा घोटाले (कांड संख्या आरसी 38ए/96) में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत की ओर से जारी नोटिस पर एक माह तक के लिए रोक लगा दी है. विशेष न्यायाधीश की अदालत ने बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पूर्व वित्त सचिव (पूर्व मुख्य सचिव भी) वीएस दुबे, सीबीआइ के एडिशनल एसपी एके झा, पूर्व निगरानी एडीजी डीपी ओझा सहित सात लोगों को आरोपी बनाने के लिए इनके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 319 के तहत नोटिस जारी किया था.
हाइकोर्ट की इस रोक के बाद अंजनी कुमार सिंह, वीएस दुबे, एके झा व एडीजी डीपी सहित सीबीआइ के सरकारी गवाह दीपेश चांडक व शिव कुमार पटवारी को चारा घोटाले में फिलहाल आरोपी नहीं बनाया जा सकेगा. हाइकोर्ट की रोक 27 अप्रैल तक प्रभावी रहेगी.
सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने कहा कि सीबीआइ को इस मामले में दायर व्यक्तिगत याचिकाओं पर कुछ नहीं कहना है. सीबीआइ ने इस मामले अलग से अपील दायर की है. इसमें सभी बिंदुओं का तथ्यपूर्ण उल्लेख किया है.
दायर की गयी हैं कई याचिकाओं
आरसी 38ए/96
– न्यायाधीश न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की अदालत मेें अंजनी कुमार सिंह, वीएस दुबे, एके झा, डीपी ओझा, दीपेश चांडक और शिव कुमार पटवारी ने अलग-अलग याचिका दायर कर विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत के फैसले को चुनौती दी थी.
– इस मामले में सीबीआइ की ओर से भी याचिका दायर की गयी थी.
आरसी 45ए/96
– सीबीआइ ने इस मामले में नौ लोगों के खिलाफ जारी नोटिस को भी चुनौती दी है
– बिहार के मुख्य सचिव ने भी विशेष न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ चुनौती दी है