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झारखंड : चारा घोटाला मामले में आज लालू प्रसाद सहित 19 आरोपियों को सुनाई जायेगी सजा

दुमका कोषागार मामले में आज सुनायी जायेगी सजा रांची : दुमका कोषागार से जुड़े चारा घोटाला (आरसी 38ए/96) मामले में शनिवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत लालू प्रसाद सहित 19 आरोपियों को सजा सुनायेगी. अदालत ने पहले ही सभी को दोषी करार दे दिया था. शुक्रवार को बचे हुए पांच दोषियों […]

दुमका कोषागार मामले में आज सुनायी जायेगी सजा
रांची : दुमका कोषागार से जुड़े चारा घोटाला (आरसी 38ए/96) मामले में शनिवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत लालू प्रसाद सहित 19 आरोपियों को सजा सुनायेगी. अदालत ने पहले ही सभी को दोषी करार दे दिया था. शुक्रवार को बचे हुए पांच दोषियों की सजा के बिंदु पर बहस हुई. इनमें राधा मोहन मंडल, राजा राम जोशी, सरवेंदु कुमार दास, रघुनंदन प्रसाद अौर राजेंद्र कुमार बगेरिया शामिल हैं. इन सभी के अधिवक्ताअों ने अदालत से बीमारी, लंबे समय से मुकदमा लड़ने अौर अधिक उम्र हो जाने का हवाला देकर सजा कम से कम देने का अनुरोध किया.
पढ़े लिखे लोग ही फ्रॉड करते हैं
जज शिवपाल सिंह ने कहा कि क्या गरीबों को बीमारी नहीं होती? आरोपी जो बीमारी बता रहे हैं सब बड़े लोगों की बीमारी है. जज ने कहा कि पढ़े लिखे लोग ही फ्रॉड करते हैं ऐसा उदाहरण नहीं मिलता कि कोई अनपढ़ फ्रॉड में शामिल हो. अनपढ़ों का क्लब बनाना चाहिए वे फ्रॉड नहीं करते. उन्होंने कहा कि अगर सभी प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन करेंगे अौर पारदर्शिता होगी तो फ्रॉड नहीं होगा.
सीबीआइ के अधिवक्ता ने कहा कि केस अगर 20 साल चला तो इसका कारण आरोपियों की अधिक संख्या होना था. ऐसा भी नहीं था कि आरोपी हर डेट पर कोर्ट आ रहे थे. वे अधिवक्ताअों की सहायता से केस लड़ रहे थे. कभी किसी आरोपी ने केस बंद करने से संबंधित आवेदन नहीं दिया. सीबीआइ के अधिवक्ता ने कहा कि आजकल जेल में काफी सुविधा मिल रही है. आरोपियों का पहनावा, वेशभूषा से नहीं लगता कि ये सब जेल में हैं. किसी के चेहरे पर शिकन का भाव नहीं है.
ऐसा लग रहा है कि किसी होटल में है अौर वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश हो रहे हों. अभियुक्तों की बीमारी अौर चिकित्सा को लेकर सीबीआइ अधिवक्ता ने कहा कि आजकल जेल में भी चिकित्सा की अच्छी व्यवस्था है वह भी नि:शुल्क. जो अभियुक्त खराब आर्थिक स्थिति का हवाला दे रहे हैं वे बाहर रहकर इतना अच्छा इलाज नहीं करा सकते. इनके लिए वृद्धाश्रम से ज्यादा अच्छा जेल ही है.
जिस पर राज्य की जिम्मेदारी, उसी का संरक्षण : सीबीआइ के अधिवक्ता ने अभियुक्तों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की कहा कि सरकारी संपत्ति की जघन्य तरीके से हत्या (लूट) हुई है. आवंटन से दस गुना ज्यादा की निकासी कर लूट की गयी.
तीन करोड़ 13 लाख रुपये की निकासी तो दो महीने में ही की गयी. जिस व्यक्ति पर राज्य की जिम्मेदारी थी उसके संरक्षण में ही यह सब हुआ. इस बहस के बीच जज शिवपाल सिंह ने वर्तमान शिक्षा पद्धति पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा पद्धति में लोगों के बीच संवेदनशीलता खत्म होते जा रही है. दुर्घटना भी होती है तो लोग घायल को अस्पताल नहीं पहुंचाते.
लालू से अनावश्यक मिलने वालों पर सख्ती : इधर, काॅर्डियोलॉजी विंग में भर्ती लालू यादव से मिलने वालों पर सख्ती कर दी गयी है. पुलिस केवल उन डॉक्टरों व पारा मेडिकल कर्मचारियों को प्रवेश करने दे रही है, जो उनके इलाज में नियुक्त किये गये हैं.
अनावश्यक लोगों को लालू से मिलने से रोका जा रहा है. पुलिस के अनुसार एेसी सूचना मिल रही थी कि रिम्स के कर्मचारी लालू से मिल कर फोटो खिंचवा रहे हैं, जो जेल मैनुअल के विरुद्ध है. सख्ती किये जाने के बाद शुक्रवार को लालू प्रसाद से मिलने वालों की संख्या नहीं के बराबर थी. कुछ कार्यकर्ता अस्पताल परिसर में घूमते रहे, लेकिन मिलने पर रोक के कारण उनकी मुलाकात लालू से नहीं हो सकी.
लालू की याचिका पर नहीं हो सकी सुनवाई
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में चारा घोटाला के आरसी-68ए/96 मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की क्रिमिनल अपील याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो पायी. साथ ही आरसी-20ए/96 मामले में सजायाफ्ता झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती की अपील याचिका पर भी सुनवाई नहीं हो पायी. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में दोनों ही याचिकाएं सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी. उल्लेखनीय है कि सीबीआइ अदालत ने चारा घोटाले में दोषी पाकर सजा सुनायी है. प्रार्थियों द्वारा अलग-अलग याचिका दायर कर सजा संबंधी सीबीआइ अदालत के आदेश को चुनाैती दी गयी है.

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