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राज्यसभा चुनाव : हारी बाजी जीतने के लिए भाजपा खेलेगी यह दावं, बढ़ सकता है कांग्रेस का टेंशन

रांची : राजनीति में जीत के लिए पार्टियां कुछ भी करने को तैयार रहती हैं. विरोधी को मात देने के लिए साम, दाम, दंड, भेद का सहारा लेती हैं. झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों के लिए हुए चुनाव में मिली हार के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी अपने उम्मीदवार को जिताने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2018 4:34 PM

रांची : राजनीति में जीत के लिए पार्टियां कुछ भी करने को तैयार रहती हैं. विरोधी को मात देने के लिए साम, दाम, दंड, भेद का सहारा लेती हैं. झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों के लिए हुए चुनाव में मिली हार के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही. 0.01 वोट से हारने वाली भाजपा ने सिल्ली से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक अमित महतो का वोट रद्द करवाने और अपने प्रत्याशी को विजयी घोषित करवाने का दावं खेला है. पार्टी का यह दावं काम करेगा, कहना मुश्किल है, लेकिन कांग्रेस और उसके निर्वाचित राज्यसभा सदस्य धीरज साहू का टेंशन बढ़ सकता है.

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश ने शनिवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2013 में फैसला दिया था कि किसी विधायक को यदि किसी मामले में दो साल की सजा होती है, तो उसकी सदस्यता उसी वक्त से रद्द हो जायेगी. अमित महतो को दो साल की सजा सुनायी गयी, इसलिए उनकी भी सदस्यता रद्द मानी जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि जब सजा सुनाते ही अमित महतो की सदस्या रद्द हो गयी, तो उनके वोटों की गिनती कैसे हो सकती है. उन्होंने कहा अमित महतो के वोट को रद्द किया जाये. ज्ञात हो कि एक तरफ विधानसभा परिसर में राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग चल रही थी. दूसरी तरफ झामुमो विधायक को सिल्ली के जिला न्यायलय में सजा सुनायी जा रही थी. विधायक को झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के साथ मारपीट करने के मामले में दो साल की सजा सुनायी गयी थी.

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दूसरी तरफ, साहेबगंज से भाजपा के विधायक अनंत ओझा ने कहा कि अमित महतो को दो साल की सजा हुई है. इस बात की जानकारी रिटर्निंग ऑफिसर को 11:30 बजे ही दे दी गयी थी. बावजूद इसके अमित महतो के मत की गणना हुई. यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विपरीत है. कांग्रेस और झामुमो ने इस जानकारी को छिपाने की कोशिश की. इन दोनों पार्टियों को आदेश के बारे में मतगणना अधिकारी कोबताना चाहिए था.

अनंत ओझा ने कहा कि भाजपा इस मामले को कानूनी सलाह ले रही है और मामले को कोर्ट में ले जायेगी. उन्होंने सवाल किया कि झामुमो को बताना चाहिए कि राज्य की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी होने के बावजूद झामुमो ने अपना उम्मीदवार क्यों नहीं उतारा. कांग्रेस के साथ आखिर उसकी क्या डील हुई, यह जनता को मालूम होना चाहिए.

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